Jamshedpur: हेल्थ की किसी भी तरह की प्रॉŽलम होने पर लोग सबसे पहले डॉक्टर से कंसल्ट करते हैं लेकिन अब ऐसी बात नहीं रही. डॉक्टर से कंसल्ट करना लोगों के लिए सेकेंड ओपिनियन हो गया है. अगर बात ऐसी है तो फिर फस्र्ट ओपिनियन कौन दे रहा है? डिजीज के डायग्नोसिस पर पहली सलाह देने वाले नए डॉक्टर हैं मिस्टर गूगल. किसी भी बीमारी के होने पर इंटरनेट पर इसका इलाज सर्च करने की टेंडेंसी लोगों में तेजी से बढ़ रही है.

Internet पर ढूंढते हैं इलाज
सिरदर्द, बदन दर्द जैसी छोटी प्रॉŽलम्स हो या फिर डायबिटीज, Žलड प्रेशर जैसी बड़ी समस्याएं, इनके ट्रीटमेंट के लिए लोग अब डॉक्टर के पास जाने से पहले इंटरनेट पर इलाज सर्च करते हैं। डॉक्टर्स का कहना है कि लोगों में ये ट्रेंड तेजी से बढ़ रहा है। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन, जमशेदपुर चैप्टर के सेक्रेटरी डॉ मृत्युंजय सिंह ने बताया कि डॉक्टर के पास आने वाले कई लोग वहां जाने से पहले इंटरनेट पर बीमारी के बारे में सर्च करने और उसका इलाज ढूंढने की कोशिश की बात को एक्सेप्ट करते हैं। उन्होंने कहा कि कई लोग तो डॉक्टर से कंसलटेशन के बाद भी इंटरनेट पर जाकर सेकेंड ओपिनियन लेते हैं। बीमारियों के डायग्नोसिस के बारे में जानने के लिए इंटरनेट पर लोगों के बढ़ते भरोसे की बात फीजिशियन डॉ निर्मल कुमार भी स्वीकार करते हैं। उन्होंने कहा कि सिटी में ये ट्रेंड बढ़ रहा है।

महंगी पड़ सकती है ये diagnosis
डॉ मृत्युंजय सिंह कहते हैं कि एक बीमारी के कई सिम्पटम्स होते हैं। कुछ ऐसे सिम्पटम्स भी होते हैं जो कई बीमारियों में कॉमन होते हैं। ऐसे में डॉक्टर बारीकी से स्टडी कर बीमारी की पहचान करते हैं और डायग्नोसिस तय करते हैं, लेकिन इंटरनेट पर ये सुविधा मौजूद नहीं है। ऐसे में किसी बीमारी का इलाज इंटरनेट पर ढूंढना काफी मुश्किल है। उन्होंने कहा कि कई ऐसे पेशेंट्स आते हैं, जिनकी बीमारी इंटरनेट से प्राप्त सजेशन के आधार पर इलाज करने से और भी ज्यादा बिगड़ गई होती है।

जानकारी के लिए करें इस्तेमाल
डॉक्टर्स की राय में किसी बीमारी के संबंध में इंटरनेट का इस्तेमाल सिर्फ जानकारी के लिए होना चाहिए न कि सेल्फ मेडिकेशन के लिए। डॉ निर्मल कुमार ने कहा कि किसी विश्वसनीय वेबसाइट से बीमारी के संबंध में इंफॉर्मेशन लेना बुरी बात नहीं है, लेकिन इसके आधार पर खुद से इलाज करना बेहद खतरनाक है। उन्होंने कहा की इंटरनेट से मिली किसी भी जानकारी पर अपनी राय बनाने के लिए डॉक्टर से कंसल्ट करना जरूरी है। लोगों के बढ़ते इंटरेस्ट के साथ-साथ ऑनलाइन मेडिकल एडवाइस का धंधा भी तेजी से बढ़ रहा है। कई वेबसाइट पेशेंट्स को ऑनलाइन पेमेंट लेकर डॉक्टर्स की एडवाइस मुहैया कराते हैं। कुछ वेबसाइट्स पेशेंट की क्वैरी के साथ-साथ बीमारी से जुड़ी रिपोर्ट लेते हैं। फिर इस बेसिस पर ऑनलाइन डॉक्टर मरीज को एडवाइस देते हैं।

हैं कई फायदे भी
ब्रह्मïानंद नारायण मल्टीस्पेशियलिटी हॉस्पिटल के फैसिलिटी डायरेक्टर विनीत सैनी ने बताया कि इंटरनेट से हेल्थ से रिलेटेड मामलों में जानकारी लेना अच्छी बात है। कुछ एग्जांपल्स देते हुए उन्होंने कहा कि कई पेशेंट्स ऐसे आते हैं, जिन्हें इंटरनेट से अपनी बीमारी की अच्छी समझ होती है। उनके पास बीमारी से संबंधित नए-नए रिसर्च, दवाइयों की भी जानकारी होती है। लेकिन उनके मुताबिक किसी भी जानकारी के आधार पर खुद से इलाज करना बेहद गलत है।
'बीमारियों के इलाज के लिए कई लोग इंटरनेट पर सलाह ढूंढते हैं, लेकिन डॉक्टर से कंसल्ट किए बगैर कोई भी इलाज बेहद खतरनाक हो
सकता है.'
- डॉ मृत्युंजय सिंह, सेक्रेटरी, आईएमए, जमशेदपुर चैप्टर
'इंटरनेट का इस्तेमाल सिर्फ बीमारियों के संबंध में जानकारी लेने के लिए करना चाहिए, न कि खुद से इलाज करने के लिए। किसी भी जानकारी को डॉक्टर से डिस्कस करना जरूरी है.'
- डॉ निर्मल कुमार, फीजीशियन

Report by: abhijit.pandey@inext.co.in

Posted By: Inextlive