स्वास्थ सेवाएं बेदम, डॉक्टर्स भी हैं कम
सरकारी अस्पतालों में डॉक्टर्स की भारी कमी और अव्यवस्थाओं से मरीज परेशान
मेरठ में औसतन 50 से 60 मरीजों पर एक ही डॉक्टर उपलब्ध है Meerut। जिले में स्वास्थ्य सेवाओं का दम निकला हुआ है। यहां के सरकारी अस्पतालों में न तो पर्याप्त सुविधाएं हैं और न ही डॉक्टर्स पूरे हैं। आंकड़ों पर गौर करें तो मेरठ में औसतन 50 से 60 मरीजों पर एक ही डॉक्टर उपलब्ध है। हर साल 15 से 20 लाख मरीज सरकारी अस्पताल में पहुंचते हैं। जिनके इलाज के लिए 240 डॉक्टर्स ही उपलब्ध हैं। 107 डॉक्टर्स के पद कई सालों से खाली पड़े हैं। स्थिति ये है कि अगर बीमारियों के मौसम में मरीजों का आंकड़ा थोड़ा भी बढ़ता है तो यहां की स्वास्थ्य सेवाएं जवाब दे जाएंगी। यह है स्थिति जिला अस्पताल 54 पद - जिला अस्पताल में डॉक्टर्स के हैं। 25 - डॉक्टर्स की कमी है।29 - डॉक्टर्स ही उपलब्ध हैं।
यह है कमी 1- सर्जरी 2- बेहोशी 2-रेडियोलोजिस्ट, 2-ऑर्थोपेडिक 1-टीबी व चेस्ट स्पेशलिस्ट, 2-ईएनटी 1- डेंटल 1-यूरोलोजिस्ट 1-न्यूरो सर्जन 1-न्यूरो फिजिशियन 1-कार्डियोलिस्ट 1-नेफ्रोलॉजिस्ट 1-ब्लड बैंक 9 डॉक्टर्स आईसीयू के लिए चाहिए। जिला अस्पताल में रोजाना करीब 1500 मरीज आते हैं।250 से अधिक बेड हैं अस्पताल में।
मेडिकल कॉलेज 172 पद हैं मेडिकल कॉलेज में प्रोफेसर, एसोसिएट प्रोफेसर, असिस्टेंट प्रोफेसर, लेक्चरार के हैं। ये शिक्षा व चिकित्सा का कार्य करते हैं। 44 पद - खाली पड़े हैं। 1 पद - असिस्टेंट प्रोफेसर की कमी फार्मेसी में हैं। 3पद - मेडिसन में प्रोफेसर, एसोसिएट प्रोफेसर व असिस्टेंट प्रोफेसर के खाली हैं। 2 पद - रेडियोथेरेपी में एसोसिएट प्रोफेसर व असिस्टेंट प्रोफेसर के खाली हैं। 1पद - एसोसिएट प्रोफेसर व 2 असिस्टेंट प्रोफेसर रेडियोडायोग्नोसिस में चाहिए। 2 पद - एनेस्ििथसिया के प्रोफेसर, एसोसिएट प्रोफेसर व असिस्टेंट प्रोफेसर के खाली है। 2 पद - ह्यूमन मेटाबॉलिज्म में एसोसिएट प्रोफेसर व असिस्टेंट प्रोफेसर के खाली हैं। 2 पद - ईएनटी में प्रोफेसर, एसोसिएट प्रोफेसर का खाली है। 1 पद - गायनी में एसोसिएट प्रोफेसर का खाली है। 2 पद - फार्माकोलॉजी में असिस्टेंट प्रोफेसर का खाली है। 2 पद - कम्यूनिस्ट मेडिसिन में खाली हैं। 5 पद - जनरल मेडिसिन में खाली हैं। 1 पद - न्यूरोलॉजी में खाली है। 2 पद - टीबी एंड चेस्ट में खाली हैं। 2 पद - मानसिक रोग विभाग में खाली हैं।6 पद - पीडियाट्रिक में खाली हैं।
1 पद - एनाटॉमी में खाली है। 2 पद - माइक्रोबायलॉजी में खाली हैं। 2 पद - फिजियोलॉजी व बायोकेमेस्ट्री में खाली हैं। मेडिकल में रोजाना करीब 3500 मरीज आते हैं। 750 बेड हैं मेडिकल में। महिला जिला अस्पताल 24 पद डॉक्टर्स के हैं। 5 - डॉक्टर्स यहां उपलब्ध है। रोजाना करीब 300 मरीज आते हैं। 100 बेड हैं अस्पताल में। सीएचसी-पीएसची पर भी कम डॉक्टर 182 डॉक्टर्स के पद स्वास्थ्य विभाग के तहत सीएचसी, पीएचसी व अर्बन हेल्थ सेंटर पर हैं। 162 पद ही भरे हुए है। 12 सर्जन चाहिए सिर्फ एक ही सर्जन है। 12 के एवज में एक भी फिजिशयन और रेडियोलॉजिस्ट नहीं हैं। 15 गायनिक के एवज में कुल 4 पोस्टेड हैं। योजनाएं जो नहीं हो सकी शुरू जिला अस्पताल नई इमरजेंसी अभी शुरु नहीं हो सकी। एमआईआर का प्रोजेक्ट भी अधूरा है। सर्जरी की सुविधा नहीं हैं। गायनी विभाग की सुविधा नहीं हैं। आक्सीजन प्लांट का विस्तार नहीं हुआ है। प्राइवेट वार्ड शुरु नहीं हुए। मेडिकल कॉलेज बर्न वार्ड शुरु नहीं हुए। फायर सेफ्टी सिस्टम नहीं बना।ई-हॉस्पिटल नहीं बन पाया।
लेजर तकनीक से आंखों का इलाज शुरु नहीं हुआ। एक्सपर्ट डॉक्टर्स नहीं हैं। महिला अस्पताल में ई-हॉस्पिटल सेवा शुरु नहीं हो पाई। डॉक्टर्स की कमी काफी है। शासन-प्रशासन को स्थिति से अवगत करवा दिया गया है। नए डॉक्टर्स की मांग भी की है। डॉ। राजकुमार, सीएमओ, मेरठ जितने डॉक्टर्स उपलब्ध हैं, उनसे ही व्यवस्था चलाई जा रही है। कमी को पूरा करने के लिए शासन को पत्र लिखा गया है। डॉ। आरसी गुप्ता, प्रिंसिपल, मेडिकल कॉलेज रिटायर्ड डॉक्टर्स से बात चल रही है। स्थाई व्यवस्था के लिए शासन को लगातार पत्र लिख रहे हैं। डॉ। पीके बंसल, एसआईसी, जिला अस्पताल