फिर घुटने लगा दम किसी को नही गम
-फिर बढ़ा एयर पॉल्यूशन का लेवल
-धूल की चादर में घिरा है पूरा शहर गैस चेम्बर में तब्दील हो रहे शहर में एक बार फिर एयर पॉल्यूशन खतरनाक स्तर पर पहुंच गया है। सिटी की बिगड़ती आबोहवा के फिक्र को धूल में उड़ाकर निमार्ण कंपनियां नियमों को ताक पर रखकर अपने काम में लगी हैं। किसी को जरा भी एहसास नहीं है कि धूल के कणों से जाने कितनों का स्वास्थ्य खराब हो रहा है। अन्य कारणों पर लगाम नहीं लग सका है। इसका नतीजा है कि सांस लेने में लोगों का दम फूल रहा है। दिवाली के बाद बढ़े पॉल्यूशन लेवल को कंट्रोल करने के लिए पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड के आदेश को भी हवा में उड़ाया जा रहा है। फेफड़े तक पहुंच रही धूलशहर में सड़क निर्माण हो या इमारत या फिर खराब सड़के हर जगह धूल के गुबार उड़ रहे है। कहीं पानी का छिड़काव नहीं हो रहा है। कार्यस्थल के ईर्द-गिर्द पर्दे भी नहीं लगाए जा रहे हैं। जबकि पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड की तरफ से सड़क मरम्मत के दौरान पानी का छिड़काव करने का निर्देश दिया गया है। नतीजा यह है कि हर वक्त पूरा शहर धूल की चादर से ढका रहता है। धूल लोगों की सांस के जरिए लंग्स तक पहुंच रही है। कैंट, नदेसर, अर्दली बाजार, पांडेयपुर, चितईपुर, महमूरगंज, सिगरा, एरिया की हालत बेहद खराब है।
बढ़ेगी और प्रॉब्लम एयर फॉर केयर संस्था की रिपोर्ट के मुताबिक एक सप्ताह में सिर्फ दो दिन ही स्थिति थोड़ी ठीक रही। मंगलवार से फिर उसी पॉल्यूशन लेवल काफी बढ़ गया। सीपीसीबी की रिपोर्ट के मुताबिक शहर का एक्यूआई 399 तक रहा। एक्सपर्ट की मानें तो अब मौसम में थोड़ी नमी आ गई है। जैसे-जैसे ठंड बढ़ेगी लोग स्मॉग और पॉल्यूशन को लेकर परेशान होंगे। शहर की हवा में हानिकारक व विषैले पदार्थो का लगातार बढ़ना वायु प्रदूषण का कारण बन रहा है। सिटी में विभिन्न जहरीली गैस और सड़कों की खोदाई से उड़ रही धूल के गुबार हवा को दूषित कर रहे हैं। यह सिर्फ इंसान ही नहीं पेड़-पौधों और पशुओं को भी प्रभावित कर रहा है। वजहें हैं तमाम -एक्सपर्ट का कहना है कि बैन होने के बाद कूड़ा-कचरा का जलना। -अनियंत्रित निर्माण कार्य पर कोई कंट्रोल न होना, -सड़क निमार्ण के दौरान पानी का छिड़काव न होना -क्षतिग्रस्त सड़कों पर जमी मिट्टी का धूल के रूप में उड़ना -पेड़-पौधों की बे रोक-टोक कटाई -शहर से ग्रीन एरिया का खत्म होना-ग्राउंड लेवल पर पार्टिकुलट कंस्ट्रक्शन का बढ़ता दायरा कहीं कम नहीं हो रहा।
क्या है मानक? पीएम 2.5 60 60 से ज्यादा बढ़ेगा तो खतरा बढ़ जाएगा पीएम 10 100 100 से ज्यादा होने पर खतरा बढ़ेगा ऐसा रहा पॉल्यूशन लेवल डेट 7 नवंबर 244 8 नवंबर 303 9 नवंबर 228 10 नवंबर 189 11 नवंबर 270 12 नवंबर 399 बढ़ते एयर पॉल्यूशन को कंट्रोल करने के लिए पॉल्यूशन वाले क्षेत्रों को चिह्नित कर उन एरिया में निर्माण कार्य, विकास कार्य की सीमाएं निर्धारित करने के साथ कड़ी कार्रवाई करने की आवश्यकता है। तभी स्थिति में सुधार आ पाएगी। एकता शेखर, मुख्य अभियानकर्ता, द क्लाइमेट एजेंडा