माह की शुरुआत में हुई भारी बारिश व ओलावृष्टि से आहत किसानों की कमर अभी सीधी भी नहीं हुई कि रविवार देर रात से सोमवार के बीच फिर हुई बारिश ने उन्हें पूरी तरह तोड़ दिया. पहले आई बारिश व तेज हवाओं से खेतों में बिछी फसलें अब सडऩे लगी हैं. इसका सबसे ज्यादा असर गेहूं सरसों आलू आम और दलहनी फसलों पर पड़ा है.


पूरे उत्तरी भारत का किसान बेमौसम की बरसात और ओलो की मार से बेहाल है. खेतों में खड़ी फसलें लेट गयीं और अब उनके सड़ने की आशंका भी बढ़ गयी है. नुकसान के सदमे से उत्तर प्रदेश में 12 और किसानों की मौत हो गई. इस दौरान बिहार में भी आंधी-पानी ने जनजीवन प्रभावित किया और वज्रपात से प्रदेश में 15 लोगों की मौत हो गई. गेंहू का रकबा सबसे ज्यासदा प्रभावित हुआ रुहेलखंड के किसानों की तकलीफ का अंदाज लगाना मुश्किल है. बारिश के कारण गेहूं का एक लाख हेक्टेयर रकबा प्रभावित हुआ है. इसमें पांच से सात परसेंट को नुकसान हुआ है. इतना ही उत्पादन गिरने के आसार है. इसी तरह सरसों का 20 हजार हेक्टेयर रकबा प्रभावित हुआ है. कृषि विभाग खुद पांच फीसद तक नुकसान मान रहा है। कारण गेहूं की तैयार खड़ी फसल अब देर से कट सकेगी.   


रविवार की शाम से हुई बारिश से खेतों में जलभराव हो गया है, जो गेहूं की फसल लेट गई थी उनके दाने को दीमक लगने के आसार हैं. इसी तरह मसूर की फसल भी पानी में डूब गई है.  आलू की फसल को भी नुकसान हुआ है. यदि आलू जमीन में अधिक दिन रहा तो वह सड़ने लगेगा. किसान मौसम का मिजाज देखकर परेशान हैं. यदि बारिश एक-दो दिन और जारी रही तो नुकसान का प्रतिशत बढ़ता जाएगा. हर तरफ तबाही का मंजर

उत्तर प्रदेश के कन्नौज में सोमवार तडक़े जोरदार बारिश के साथ ओलावृष्टि भी हुई. हवा के साथ बारिश से खेतों में खड़ी फसल बिछ गई. महोबा, बांदा, हमीरपुर व चित्रकूट में बूंदाबांदी से किसान चिंतित हो उठे. महोबा में भी ओलावृष्टि से फसलें बर्बाद हुईं. जालौन के भिटौरा में एक किसान और इटावा के ताखा क्षेत्र में नगला ढकाऊ के किसान परिवार की एक महिला की गेहूं की बर्बाद फसल देखकर सदमे से मौत हो गई. इटावा के ही नगला कुआं में भी एक किसान का सदमे से हार्टफेल हो गया. अमेठी व आसपास के इलाकों में भी फसलों को बहुत नुकसान हुआ है. ऐसा ही कुछ आगरा के इरादतनगर के गढ़ी अहीर में आलू किसान के साथ हुआ. जबकि मथुरा नौझील के गांव बाड़ौत के किसान ने बर्बाद फसल देख फांसी लगा ली तो सुरीर क्षेत्र के भालई किसान की दिल का दौरा पडऩे से खेत पर ही मौत हो गई. ऐसे किसानों की लंबी फेहरिस्ती है. रायागढ़ टूंडला, एटा और अलीगढ़ हर जगह से सदमे से किसानों की मौत की खबरें लगातार आ रही हैं. फीरोजाबाद में नारखी, के लखुरिया गांव के एक किसान सोमवार सुबह कोल्ड स्टोरेज में आलू जमा करने आए थे. जगह नहीं होने से उनका आलू नहीं रखा गया. वे आलू बेचने मंडी गए, जहां भाव सुनकर तनाव में आ गए और खुद को गोली मार ली. बिहार में भी हाहाकार बिहार में सोमवार दोपहर पटना सहित कई जिलों में आंधी और बारिश ने तबाही मचाई. फसलों को नुकसान होने के साथ वज्रपात में 15 लोगों की जान चली गईं. इसमें सुपौल के दो, जमुई के एक, लखीसराय के दो, पूर्णिया के एक, नालंदा के एक, दरभंगा के एक, मुंगेर के पांच व बांका के दो लोग शामिल हैं.

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Posted By: Molly Seth