- उत्तरकाशी के आपदा प्रभावित गांव मोल्डी में राहत सामग्री ड्रॉप करने गया था हेलीकॉप्टर

- हेली पायलट, इंजीनियरिंग स्टाफ सहित एक स्थानीय व्यक्ति की मौत

- ट्रॉली वायर से उलझा हेलीकॉप्टर, अनियंत्रित होकर गिरा, फ्यूल ज्यादा होने से लगी आग

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मोल्डी विलेज में पहली बार रेस्क्यू के लिए गया था हेलीकॉप्टर

इससे पहले एक फेरा लगाया था टिकोची गांव का

मंगलवार को ही गांव में बनाया गया था अस्थाई हेलीपैड

उत्तरकाशी,

उत्तरकाशी के आराकोट क्षेत्र के आपदा प्रभावित मोल्डी गांव में राहत सामग्री ड्रॉप कर लौट रहा हेरिटेज एविएशन का हेलीकॉप्टर क्रैश हो गया। हादसे में पायलट, इंजीनियरिंग स्टाफ और एक स्थानीय व्यक्ति की मौत हो गई, हेलीकॉप्टर पहाड़ी एरिया में खेतों से सड़क तक सेब की पेटियां लाने के लिए बांधे गए ट्रॉली वायर से टकराकर गिर गया, फ्यूल ज्यादा था, जिससे हेलीकॉप्टर में आग लग गई। तीनों के झुलसे हुए शव बरामद हुए। हादसे के बाद इलाके में हेलीकॉप्टर से रेस्क्यू पर रोक लगा दी गई है। सरकार ने मृतक आश्रितों को 15-15 लाख रुपये की मदद देने की घोषणा की है।

रोड कनेक्टिविटी नहीं, हेली से रेस्क्यू

उत्तरकाशी जिले से करीब सवा 200 किमी दूर स्थित न्याय पंचायत आराकोट क्षेत्र में बीते रविवार को अतिवृष्टि व बादल फटने से भारी तबाही मची थी। जिसमें 15 लोगों की मौत हो गई थी, कुछ लोग अभी भी मिसिंग हैं। इस दौरान करीब 3 दर्जन गांवों की सड़कें, पैदल मार्ग और पुल बह गए थे। जिसके कारण प्रभावित इलाकों तक कनेक्टिविटी बाधित है और रेस्क्यू में दिक्कतें आ रही है। सोमवार से इलाके में हेलीकॉप्टर के जरिए प्रभावित इलाकों को राहत सामग्री पहुंचाने का व्यवस्था शुरू की गई थी।

झुलसे हुए शव बरामद

बुधवार दोपहर करीब पौने 12 बजे आराकोट से 6 किमी दूर मोल्डी गांव में राशन व राहत सामग्री पहुंचाने के लिए प्राइवेट कंपनी हेरिटेज एविएशन का हेलीकॉप्टर मोरी हेलीपैड से रवाना हुआ। लगभग 12 बजे मोल्डी विलेज पहुंचा और राहत सामग्री ड्रॉप कर वापसी के लिए उड़ान भरी। इसी बीच हेलीकॉप्टर गांव के पास ही बगीचों से सेब की पेटियों को सड़क तक पहुंचाने के लिए लगाई गई ट्रॉली वायर से उलझ गया। हेलीकॉप्टर अंिनयंत्रित होकर गिरने लगा और फ्यूल ज्यादा होने से उसमें आग लग गई। हेली बरसाती नाले से सटे जंगल में जा गिरा। एनडीआरएफ व आईटीबीपी की रेस्क्यू टीमों के पहुंचने से पहले इसमें सवार पायलट, इंजीनियरिंग स्टाफ और स्थानीय निवासी की मौत हो चुकी थी। आग के चलते तीनों की बुरी तरह झुलसे हुए शव बरामद हुए हैं। स्थानीय निवासी भी किसी प्राइवेट एविएशन कंपनी का स्टाफ बताया जा रहा है, जो रेस्क्यू टीम की हेल्प के लिए साथ था।

जुझारू पायलट थे कर्नल लाल

हेली क्रैश में जान गंवाने वाले पायलट कर्नल रंजीव लाल (54) पुत्र चरनजीत लाल आर्मी से रिटायर्ड थे। वे नई दिल्ली के निवासी थे और अपने जुझारूपन के लिए जाने जाते थे। बेहद हंसमुख स्वभाव के पायलट कर्नल लाल ने 2013 में केदारनाथ आपदा के दौरान भी रेस्क्यू ऑपरेशन में अहम भूमिका निभाई थी। वहीं, 34 वर्षीय शैलेश कुमार सिंह पुत्र विश्वनाथ सिंह एविएशन कंपनी में इंजीनियरिंग सर्विस में तैनात थे। वे अलीपुरी, कोलकाता निवासी थे। हादसे में मारा गया तीसरा व्यक्ति राजपाल राणा पुत्र विजय सिंह राणा भी किसी प्राइवेट एविएशन कंपनी का स्टाफ था। वह खरसाली, उत्तरकाशी का रहने वाला था।

सीएम ने जताया दुख, हेली से रेस्क्यू रोका

हेलीकॉप्टर क्रैश के इस हादसे के बाद सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने आपदा प्रभावित इलाके में फिलहाल हेलीकॉप्टर के जरिए रेस्क्यू रोकने के निर्देश दिए हैं। सचिवालय में उन्होंने मीडिया से मुलाकात के दौरान कहा कि हेली पायलट्स को विपरीत परिस्थितियों में किसी भी प्रकार का रिस्क न लेने की हिदायत दी गई है। वहीं, इस हादसे को लेकर उन्होंने दुख जताया और मारे गए तीनों लोगों के आश्रितों को 15-15 लाख रुपए की मदद देने की घोषणा की।

Posted By: Inextlive