- कोरोना के दौरान व्यवस्था बनाए रखने के लिए कारगर साबित हो रही हेल्पलाइन

- सेहत के लिए स्वास्थ्य विभाग, राशन के लिए प्रशासन और नगर निगम कर रहा मदद

Meerut । कोरोना के संक्रमण और लॉक डॉउन के दौरान होने वाली परेशानियों से बचाव के लिए शहर के लोगों को चिंता करने की जरुरत नही है। प्रशासन पूरी मुस्तैदी के साथ जनता की सेवा और सुरक्षा में जुटा है। इसके लिए अस्पतालों में डॉक्टर्स की टीम से लेकर सड़कों पर पुलिस और कार्यालय में हेल्पलाइन हर समय काम कर रही है। दैनिक जागरण आई नेक्स्ट की टीम ने प्रशासन द्वारा जारी की इन जरुरी हेल्पलाइन का रियलिटी चेक किया तो अधिकतर हेल्पलाइन पूरी तरह चालू और गंभीरता से अपना काम करती मिली।

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हेल्पलाइन नंबर 1-

प्रशासन

हेलो कंट्रोल रूम सर हमें खाना भिजवा दीजिए, भूख लग रही है

हैलो कंट्रोल रूम

जी बताइए,

सर मैं मिशन कंपाउंड साकेत से बोल रही हूं, हमारे पास खाने के लिए पैसे नहीं है। हमे खाना उपलब्ध करा दीजिए।

एनआईसी में बने कंट्रोल में आजकल घंटियां घनघना रही हैं। कुछ राशन की डिमांड के लिए फोन कर रहे है जबकि कुछ फूड पैकेट और दवाईयों के लिए फोन कर रहे हैं। कंट्रोल रूम में तैनात कर्मचारी भी तुरंत सहायता के लिए फूड पैकेट भिजवा रहे हैं। 25 लोगों का स्टाफ कंट्रोल रूम में लगा हुआ है, जिसको लेकर लगातार कॉल आ रही है। कोई भी भूखा न सोए इसलिए प्रशासन की टीम ने कंट्रोल रूम का गठन किया है, जिसमें सभी की समस्या का हल किया जा रहा है। कुछ लोगों के इस तरह के भी फोन आ रहे हैं कि उनकी कालोनी में विदेशी नागरिक आया है, जिस पर स्वास्थ्य विभाग की टीम को भेजा जा रहा है। सभी तरह के मामले कंट्रोल रूम में गंभीरता से लिए जा रहे है। 48 हजार फूड पैकेट का वितरण किया जा रहा है। पूरे जिले में 18 किचन प्रशासन के द्वारा चलाई जा रही है।

वर्जन-

प्रशासन की हेल्पलाइन पूरी तरह शुरू है। रोजाना 48 हजार फूड पैकेट वितरित कराए जा रहे है। प्राइवेट एनजीओ भी सहयोग कर रही है। हमारी 18 कम्युनिटी किचन शहर से लेकर देहात तक चल रही है। सभी जरूरत मंद को खाना मुहैया कराया जा रहा है।

- अनिल ढींगरा, डीएम

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हेल्पलाइन नंबर 2-

नगर निगम

हैलो नगर निगम कंट्रोल रूम,

नगर निगम हेल्पलाइन बताइये मैं आपकी क्या मदद कर सकता हूं,

यहां मोहनपुरी की गली नंबर 2 में कुछ गरीब परिवारों को खाने की आवश्यकता है। 14 लोग हैं करीब जिनके पास खाने पीने का सामान नही है।

- आप अपना नाम और नंबर नोट करा दें, कुछ देर बाद आपके नंबर पर प्रशासन द्वारा फोन कर राशन भेज दिया जाएगा।

कुछ इस तरह नगर निगम की हेल्पलाइन पर रोजाना दर्जनों लोगों के राशन और खाने पीने के सामान का इंतजाम किया जा रहा है। नगरायुक्त के कैंप कार्यालय में दो शिफ्ट में यह हेल्पलाइन चल रही है। इसमें पहली शिफ्ट सुबह 8 बजे से शाम 4 बजे तक और दूसरी शिफ्ट शाम 4 से रात 10 बजे तक है। बुधवार को पहली शिफ्ट में कंट्रोल रुम कर्मचारी दीपक ने पूरी हेल्पलाइन नंबर की व्यवस्था संभाली थी। हेल्पलाइन पर शहर के अलग अलग वार्ड से जरुरतमंद लोग फोन करके अपने लिए या अपने आसपास जरुरतमंदों की सूचना देकर राशन व खाने के सामान की मांग कर रहे थे। हेल्पलाइन पर आने वाली कॉल की पूरी डिटेल रजिस्टर में नोट की जा रही थी। इसके बाद डिटेल को प्रशासन की हेल्पलाइन पर नोट कराकर राशन की डिमांड पूरा कराई जाती है। हेल्पलाइन ऑपरेटर दीपक ने बताया कि रोजाना 10 से 15 कॉल आ रही है क्योंकि अब जगह-जगह जरुरतमंदों के राशन व भोजन की व्यवस्था बनी हुई है। निगम ने ही टाउन हॉल में अलग और मेयर कैंप कार्यालय में अलग अलग रसोई संचालित की है। उन पर भी डायरेक्टर कॉल जा रही है। वहीं सेनेटाइजेशन से संबंधित 4 से 5 कॉल मिल रही है जिनको नोट कर संबंधित वार्ड के सुपरवाइजर को सूचित किया जाता है।

वर्जन-

हेल्पलाइन का संचालन जरुरत मंदों तक खाना व राशन पहुंचाने के लिए शुरु किया गया है। इस पर जो भी कॉल आ रही है उनकी मदद की जा रही है।

- ब्रजपाल सिंह, सहायक नगरायुक्त

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हेल्पलाइन नंबर 3-

स्वास्थ्य विभाग

- हैलो सीएमओ कंट्रोल रुम

मुझे बुखार है, कहीं कोरोना तो नहीं

फोन की घंटियां लगातार बज रही हैं। एक फोन का रिसीवर उठाकर एक व्यक्ति कान पर रखता है और हैलो बोलता है। उधर से आवाज आती है। सर कंट्रोल रूम है ये, मुझे बुखार हैं, खांसी भी हो रही है, मुझे कोरोना हो गया है मेरी जांच करा दी जाए.फोन उठाने वाले व्यक्ति ने उसका नाम व पता पूछा। इसके साथ ही ट्रैवल हिस्ट्री के बारे में पूछा। दूसरी तरफ से आवाज आई, ट्रैवल हिस्ट्री कोई नहीं हैं। दो महीने से घर से बाहर नहीं गए हैं। दो दिन से हल्का बुखार है। हल्का खांसी-जुकाम है। इस पर फोन उठाने वाले व्यक्ति ने समझाया कि मास्क लगाकर रखें। आइसोलेशन में रहें और फिलहाल पैरासीटामोल लें। 14 दिन तक अपनी सेहत पर नजर रखें। अगर और कई लक्षण आते हैं या बुखार कुछ दिन और ठीक नहीं होता है तो दोबारा कॉल कर सकते हैं। एक और फोन पर ऑपरेटर फोन का रिसीवर कान पर रखकर किसी को समझा रहा है कि ये स्वास्थ्य विभाग का कंट्रोल रूम है। सड़क की सफाई यहां नहीं कराई जाती है। जबकि एक अन्य व्यक्ति के मोबाइल पर घंटियां बज रहीं थीं। वे रिसीवर उठाकर बात करते हैं। दूसरी तरफ से आवाज आती है कि लॉकडाउन कब खुलेगा। ये नजारा बुधवार को स्वास्थ्य विभाग के कंट्रोल रूम का था। जिसमें एसीएमओ डा.वीपी शर्मा, एसीएमओ डा। गोपाल शर्मा के साथ डा। मनीष डेंटल सर्जन, लैब टेक्नीशियन मोनिका व अन्य डॉक्टर्स की ड्यूटी है। दोपहर 12 बजे तक यहां करीब 30 फोन इसी तरह के आ चुके थे।

वर्जन-

रात तक करीब 150 से 200 कॉल आती हैं। हर कॉल का अटेंड करना जरूरी होता है। जिम्मेदारी से सभी का रिकार्ड मेन्टेंन किया जाता है। हालांकि, इस दौरान फेक कॉल्स भी आते हैं। सफाई से संबंधित कॉल्स को प्रशासन को भेज दिया जाता है।

- डॉ। वीपी शर्मा, कंट्रोल रूम के इंचार्ज

Posted By: Inextlive