Allahabad: इलेक्शन लडऩा था. सीट रिजर्व हो गई तो अपनी जाति ही बदल दी. फर्जीवाड़ा कर सर्टिफिकेट भी बनवा लिया. हकीकत सामने आई तो होश उड़ गए. मामला सिटी के 20 नंबर वार्ड का है. यहां से विजयी प्रत्याशी का कास्ट सर्टिफिकेट ही फर्जी पाया गया है. ऐसे में निर्वाचन भी निरस्त होने के भी पूरे चांसेज बन गए हैं.


सिंधी से बन गए कोरीमामला वार्ड नंबर 20 झूलेलाल नगर का है। पार्षद पद चुनाव में यहां से विजय पुर्सवानी ने 1020  वोट पाकर जीत दर्ज की थी। दूसरे नंबर पर 474 वोट पाने वाले अनिल कुमार रहे। कुछ ही दिनों बाद पूर्व पार्षद नटवर लाल भारतीय ने डिस्ट्रिक्ट एडमिनिस्ट्रेशन से शिकायत की। इसमें कहा गया कि विजय पुर्सवानी सिंधी यानी सामान्य जाति के हैं। इसके बावजूद उन्हेांने अनुसूचित जाति के लिए रिजर्व सीट से फर्जी सर्टिफिकेट लगाकर चुनाव लड़ा। जांच में सामने आया सच
अनुसूचित जाति जनजाति संघर्ष समिति की ओर से की गई शिकायत की जांच में पुर्सवानी पर लगाए गए आरोप सही पाए गए। जांच में पाया गया कि विजय पुर्सवानी ने लूकरगंज स्थित विद्यावती दरबारी बालिका इंटर कॉलेज से कक्षा एक से पांच तक पढ़ाई की। यहां पर उनकी जन्मतिथि 1972, जाति सिंधी और धर्म हिंदू लिखा है। नटवर लाल का कहना है कि 2006 में विजय पुर्सवानी की पत्नी पार्षद पद की कैंडिडेट थीं और उन्होंने नामांकन पत्र में अनुसूचित जाति वाले कालम को काट दिया था। अब नगर निगम चुनाव में विजय पुर्सवानी ने खुद को अनुसूचित जाति के तहत कोरी बताया है वह पूरी तरह से गलत है। शपथ ग्रहण करने से रोका जाए


शिकायतकर्ताओं ने निगम आयुक्त और मेयर से 19 जुलाई को होने वाले शपथ ग्रहण समारोह में विजय पुर्सवानी को शपथ लेने से रोकने की मांग की है। उनका कहना है कि अगर विजय ने शपथ ली तो ये संविधान की घोर अवमानना होगी। इसलिए उनको शपथ लेने से रोका जाए। उधर एसडीएम द्वारा जांच में विजय का जाति प्रमाणपत्र फर्जी पाए जाने पर डीएम अनिल कुमार ने इसकी जानकारी नगर विकास प्रमुख सचिव यूपी को दे दी है। उम्मीद की जा रही है जल्द ही वार्ड 20 का निर्वाचन निरस्त कर दिया जाएगा। शिकायत के आधार वार्ड 20 के विजयी पार्षद विजय पुर्सवानी के जाति प्रमाणपत्र की जांच की गइ्र थी। जिसमे उसे गलत पाए जाने पर निरस्त कर दिया गया है और इसकी सूचना शासन को दे दी गई है। संतोष कुमार, एसडीएम सदर

Posted By: Inextlive