-एमएमएमयूटी टीचर्स के साथ मिलकर स्टूडेंट्स ने बनाया हर्बल सेनेटाइजर

-मार्केट में सैनिटाइजर की सार्टेज को देखते हुए उठाया कदम

- 400 रुपए में तैयार हो जाएगा सेनेटाइजर

GORAKHPUR: कोरोना वायरस से निपटने के लिए मार्केट में सेनेटाइजर की खरीद सबसे अधिक है। हालत यह कि कई जगह पर तो सेनेटाइजर की सार्टेज भी हो गई है। इसको देखते हुए एमएमएमयूटी की दो टीचर्स संग शोध स्टूडेंट्स ने हर्बल हैंड सेनेटाइजर तैयार किया है। एथनॉल, अलोवेरा एक्सट्रेक्ट और गुलाब की पंखुडि़यों से सेनेटाइजर तैयार किया गया है। इसकी सबसे बड़ी खूबी है कि मार्केट में बिकने वाले महंगे सेनेटाइजर के मुकाबले आधी कीमत पर तैयार हो जा रहा है। प्रयोगशाला में 400 रुपए खर्च कर 1 लीटर हर्बल सेनेटाइजर बनाया गया है।

केमेस्ट्री डिपार्टमेंट के टीचर्स ने की मदद

मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के रसायन एवं पर्यावरण विज्ञान विभाग के टीचर्स और शोध स्टूडेंट्स की टीम ने हर्बल हैंड सेनेटाइजर बनाया है। केमेस्ट्री डिपार्टमेंट के अध्यक्ष डॉ। आरके यादव के नेतृत्व में टीचर्स डॉ। पीपी पांडेय एवं डॉ। कृष्ण कुमार तथा शोध स्टूडेंट पूजा सिंह, सुरभि चौबे और चांदनी सिंह की टीम ने हर्बल वस्तुओं का यूज कर हैंड सेनेटाइजर बनाया है।

बनाने में लगता कम समय

सेनेटाइजर बनाने में हर्बल वस्तुओं का यूज किया गया है। इसलिए इसका साइड इफेक्ट भी कम है। इसे बनाने में बहुत कम समय लगता है। डॉ। आरके यादव के मुताबिक, एक लीटर सेनेटाइजर बनाने में एक से डेढ़ घंटे का समय लगता है। चौथी खास बात है कि यह स्थानीय स्तर पर सुलभ वस्तुओं से बनाया जा सकता है।

एमएमएमयूटी ने की सहायता

सेनेटाइजर बनाने में एमएमएमयूटी ने वित्तीय सहायता की है। डॉ। यादव की प्रयोगशाला में प्रतिदिन लगभग 8 से 10 लीटर सेनेटाइजर बन रहा है। विवि ने परिसर के अंदर इस सेनेटाइजर का व्यापक इस्तेमाल शुरू कर दिया है।

Posted By: Inextlive