COVID-19 भारत में दस्तक दे चुका है। दुनिया भर में इस खतरनाक वायरस के चलते 3 हजार से ज्यादा मौंते हो चुकी हैं। ऐसे में अब इस वायरस को लेकर सोशल मीडिया से लेकर ऑनलाइन प्लेटफॉर्म तक कई झूठी बातें और अफवाह फैलाई जा रही हैं। आइए जानें इन अफवाहों में कितनी सच्चाई है।

कानपुर। चीन से तेजी से फैल रहे Coronavirus(COVID-19) का कहर दुनिया के कोने-कोने में दिख रहा है। यह जानलेवा बीमारी अब भारत में भी दस्तक दे चुकी है। अब तक भारत में कुल 6 लोग इस वायरस में पॉजिटिव पाए गए। लोगों के बीच इस बीमारी को लेकर तरह-तरह की बातें चल रही है। इसमें काफी झूठी और अफवाह भी हैं। गैजेट नाउ ने ऐसे ही 10 अफवाहों को ढूंढ निकाला है, आइए जानें इनसे कैसे बचा जा सकता है।

क्या कोरोना वायरस के लिए है स्पेशल मॉस्क

कोरोना वायरस से बचने के लिए स्पेशल मॉस्क से जुड़ा कोई भी ऑनलाइन विज्ञापन दिखता है तो समझिए यह पूरी तरह से झूठ है। अभी तक इस वायरस से बचने के लिए किसी तरह का स्पेशल मॉस्क तैयार नहीं हुआ है। हां मार्केट में मिलने वाले साधारण मॉस्क आपको वायरस और कीटाणुओं से बचने में मदद कर सकता है लेकिन यह पूरी तरह सेफ होगा, इसकी कोई गारंटी नहीं।

क्या N95 मॉस्क सर्जिकल मॉस्क से बेहतर है

जैसा कि स्वास्थ्य विशेषज्ञ स्पष्ट कर चुके हैं कि अकेले मास्क पूर्ण सुरक्षा की गारंटी नहीं दे सकते हैं, यह समझना महत्वपूर्ण है कि SARS-CoV-2 वायरस आकार में छोटा है और आसानी से N95 मास्क के छिद्रों से गुजर सकता है। इसलिए, N95 और सर्जिकल मास्क की बहस बहुत मायने नहीं रखती है।

क्या इसके लिए मिल रहीं ऑनलाइन दवाईयां

Coronavirus(COVID-19) से बचने के लिए अभी तक कोई अफिशल दवाई नहीं बनी है। अगर आपको कोई कोरोना वायरस के नाम पर ऑनलाइन दवाईंया बेचता है तो सतर्क रहें। यह सिर्फ बेवकूफ बनाकर पैसे एंठने की ट्रिक है।

क्या इस वायरस से जुड़ी बातें सब हैं सही

कोरोना वायरस पूरी दुनिया में इस कदर फैला है कि इससे जुड़े तमाम आर्टिकल ऑनलाइन पब्लिश हो चुके हैं। इसमें वायरस के लक्षणों से लेकर बचाव तक शामिल है लेकिन यहां आपको सावधान रहना चाहिए कि किसी भी रैंडम वेबसाइट पर जाकर कोरोना वायरस से जुड़ी बातों को सच मत मानें। इस बीमारी को लेकर किसी अफिशल सोर्स को ही सत्य मानिए।

क्या वायरस पता लगाने के लिए कोई किट है

घर बैठे कोरोना वायरस का पता नहीं लगाया जा सकता। अगर ऑनलाइन आपको ऐसा कोई विज्ञापन दिखता है जिसमें टेस्ट किट की बात हो रही तो समझ जाइए ये फेक है। अगर आपको इस Coronavirus(COVID-19) से जुड़ा कुछ संदेह होता है तो सीधे डॉक्टर से संपर्क करें।

क्या सोशल मीडिया पर मिल रही सही जानकारी

सोशल मीडिया एक ऐसा प्लेटफॉर्म है जहां फर्जी खबरें काफी वायरल होती हैं। ऐसे में व्हॉट्स, ट्विटर, फेसबुक व अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर कोरोना वायरस से जुड़ी कोई खबर आती है तो इसको पहले वैरीफाई कर लें।

यू-ट्यूब पर वीडियो को सच न मानें

Coronavirus(COVID-19) के फैलते ही यू ट्यूब पर इसको लेकर तमाम वीडियो सामने आए हैं। इसमें तमाम लोग अपने-अपने दावे कर रहे। आपको किसी से भी प्रभावित नहीं होना है। खुद का दिमाग लगाइए।

कोरोना वायरस के लक्षण ऑनलाइन मत खोजें

कोरोना वायरस के लक्षण को ऑनलाइन मत खोजिए, अगर आपको लगता है कि शरीर में कुछ दिक्कत है तो तुंरत डॉक्टर से परामर्श लें। घर पर किसी तरह का इलाज न करें।

अफवाह फैलानें से बचें

इस समय पूरी दुनिया में कोरोना वायरस को लेकर सभी में डर है। ऐसे में बेवजह सोशल मीडिया पर अफवाह न फैलाएं। आपको पैनिक होने की जरूरत नहीं है। इस वायरस का बचाव सिर्फ यही है कि खुद को हमेशा साफ-सुथरा रखें।

फिशिंग ई मेल के झांसे में न आएं

कोरोना वायरस के सामने आते ही साइबर क्रिमिनल भी एक्टिव हो चुके हैं। ये आपको कोरोना वायरस से जुड़ी अपडेट या खबर के लिए आपका अकाउंट तक हैक कर सकते है।

Posted By: Abhishek Kumar Tiwari