-फर्जी शस्त्र लाइसेंस मामले में इस्तेमाल किए गए एप्स से मचा है कलेक्ट्रेट में हड़कंप

GORAKHPUR: फर्जी शस्त्र लाइसेंस मामले में जब से जांच टीम ने दो एप्स एनीडेस्क और एलिस साफ्टवेयर के इस्तेमाल का मामला उजागर हुआ है। तब से कलेक्ट्रेट परिसर के सभी विभागों के कंप्यूटर सिस्टम पर काम करने वाले कर्मचारी डीएम के रडार पर आ चुके हैं। डीएम के रडार पर सबसे पहले प्राइवेट कंपनी में काम करने वाले सहायक कर्मचारी हैं। इन कर्मचारियों के पास सरकारी योजनाओं से लगाए सभी महत्वपूर्ण दस्तावेज तक के रिकार्ड के पासवर्ड इन सभी प्राइवेट कर्मचारियों के पास है। लेकिन जब से शस्त्र लाइसेंस अनुभाग के प्राइवेट कंप्यूटर आपरेटर अजय गिरी व असलहा बाबू राम सिंह व अजय गुप्ता की संलिप्तता पाई गई है तब से डीएम व संबंधित मजिस्ट्रेट भी पूरी तरह से अलर्ट मोड में आ चुके हैं। डीएम के विजयेंद्र पांडियन ने बताया कि यह घटना एक सबक है। इससे सबक लेते हुए सभी विभागों के कंप्यूटर आपरेटर समेत सभी सिस्टम के नेटवर्क वाले आईपी एड्रेस, लॉगिन व पासवर्ड पर पूरी तरह से नजर है। जिसकी भूमिका संदिग्ध होगी। उसे विभाग में तैनात प्राइवेट कर्मचारियों के खिलाफ तत्काल प्रभाव से कार्रवाई करते हुए उसे बाहर कर दिया जाएगा और कानूनी कार्रवाई भी होगी।

जारी रहा शस्त्र लाइसेंस वाले गन हाउस

डीएम के प्रेस कांफ्रेंस में जिन चार गन हाउस के खिलाफ चल रहे जांच की बात कही गई थी। उनकी सभी दस्तावेज के जांच भी लगभग पूरे कर लिए गए हैं। इन चारों गन हाउसेज के खिलाफ भी जल्द कार्रवाई की जाएगी।

Posted By: Inextlive