-शुआट्स मामले में जमानत अर्जी खारिज

-विधायक राजूपाल हत्या केस में मिली जमानत रद करने की अर्जी पर फैसला सुरक्षित

ALLAHABAD: बाहुबली पूर्व सांसद अतीक अहमद को इलाहाबाद हाई कोर्ट ने तगड़ा झटका दिया। केस वापस लेने की अर्जी के आधार पर जमानत के लिए अर्जी लगाने वाले अतीक को कोर्ट ने जमानत पर रिहा करने से इंकार कर दिया। कई आपराधिक मामलों में संलिप्तता के आधार पर कोर्ट ने यह फैसला दिया है। इसके साथ ही कोर्ट ने विधायक राजू पाल हत्याकांड में उन्हें मिली जमानत पर फैसला सुरक्षित कर लिया है।

सरेआम हुई थी विधायक ही हत्या

जस्टिस बिपिन सिन्हा ने विधायक राजू पाल सहित दो अन्य की दिनदहाड़े हुई हत्या केस में मिली जमानत को रद करने की अर्जी पर फैसला सुरक्षित कर लिया है। जमानत निरस्त करने की अर्जी राजूपाल की बेवा पूर्व विधायक श्रीमती पूजा पाल ने दाखिल की है। अर्जी पर अधिवक्ता एमके तिवारी का कहना है कि अतीक ने दो गवाहों का अपहरण किया और सुप्रीमकोर्ट द्वारा हत्या की जांच सीबीआई को सौंपने के बाद गवाहों को बयान न देने की धमकी देकर जमानत शर्तो का उल्लंघन किया है। राज्य सरकार के अपर महाधिवक्ता विनोद कान्त व एजीए विमलेन्दु त्रिपाठी ने अतीक की आपराधिक हिस्ट्री चार्ट पेश किया और कहा कि 239 आपराधिक मामले इनके खिलाफ दर्ज हुए हैं।

11 साल बाद दी गई है अर्जी

अतीक की तरफ से वरिष्ठ अधिवक्ता सतीश त्रिवेदी, रवीन्द्र शर्मा व दयाशंकर मिश्र ने पक्ष रखा। इनका कहना है कि 2005 में हत्या केस में जमानत मिली है। उसके बाद कोई केस दर्ज नहीं हुआ। 2007 में 5 मुकदमें कायम हुए जिसमें से तीन में बरी किया गया है और दो केस में पीडि़तों ने जमानत निरस्त करने की अर्जी दी किन्तु बाद में वापस ले लिया। अतीक को राजनैतिक विद्वेष के चलते मायावती शासन में आपराधिक मामलों में फंसाया गया है। 11 साल तक चुप रहने के बाद जमानत निरस्त करने की अर्जी दी गयी है। गवाहों ने डेढ़ साल बाद प्राथमिकी दर्ज करायी है।

Posted By: Inextlive