धार्मिक स्थलों व सार्वजनिक स्थलों पर लाउडस्पीकर को लेकर हाईकोर्ट के आदेश के अनुपालन में प्रदेश सरकार ने जारी किया शासनादेश। 15 जनवरी तक लेनी होगी परमीशन जगह के हिसाब से आवाज का मानक भी तय। नियम का उल्लंघन करने पर हो सकती है पांच साल की सजा व जुर्माना।

 

Lucknow: धार्मिक स्थलों या सार्वजनिक स्थलों पर बिना परमीशन लाउडस्पीकर लगाना अब कानून का उल्लंघन माना जाएगा। ऐसा करने वालों के खिलाफ न सिर्फ मुकदमा दर्ज होगा बल्कि, दोषी पाये जाने पर उन्हें पांच साल की सजा या जुर्माना हो सकता है। हाईकोर्ट द्वारा जारी आदेश के अनुपालन में सरकार ने शासनादेश जारी करते हुए इसका कड़ाई से पालन कराने के निर्देश दिये हैं। आदेश में जगह की कैटेगरी के अनुसार वहां ध्वनि का मानक भी तय किया गया है।

 

राजस्व व पुलिस अधिकारी करेंगे सर्वे

प्रमुख सचिव गृह अरविंद कुमार द्वारा प्रदेश के सभी जिला मजिस्ट्रेट व पुलिस कप्तानों को जारी आदेश में मोतीलाल यादव बनाम स्टेट ऑफ यूपी केस में हाईकोर्ट द्वारा पारित आदेश का उल्लेख करते हुए निर्देश दिया है कि वे सभी अपने जिलों में स्थित ऐसे सभी धार्मिक स्थलों और सार्वजनिक स्थलों जहां स्थायी रूप से लाउडस्पीकर या किसी भी तरह के ध्वनि विस्तारक यंत्रों का प्रयोग किया जाता है, का राजस्व व पुलिस अधिकारियों की टीम बनाकर 10 जनवरी तक सर्वे पूर्ण कराएं। इन टीमों को यह पता करना होगा कि इनमें से कितनी जगहों पर बिना परमीशन लाउडस्पीकर्स का प्रयोग किया जा रहा है।

 

पांच दिन में लेनी होगी परमीशन

सर्वे के वक्त ही यह टीम धार्मिक स्थल व सार्वजनिक स्थल के प्रबंधकों को 15 जनवरी से पहले परमीशन प्राप्त करने के लिये निर्धारित प्रारूप में नोटिस और आवेदन का फॉर्म मुहैया कराएगी। जिसके बाद प्रबंधकों को निर्धारित प्रारूप में आवेदन प्रस्तुत करना होगा। वहीं, जिला प्रशासन स्थानीय थाना व तहसील आदि से आवश्यक रिपोर्ट प्राप्त कर उन्हें पांच दिन में परमीशन दिया जाना सुनिश्चित करेंगे। आदेश में कहा गया है कि 15 जनवरी तक जिन प्रबंधकों द्वारा परमीशन प्राप्त नहीं की जाती, तो उनके खिलाफ ध्वनि प्रदूषण (विनियमन और नियंत्रण) नियम, 2000 के प्रावधानों के तहत कार्यवाही कराते हुए हाईकोर्ट के निर्देशानुसार ऐसे धार्मिक स्थल, सार्वजनिक स्थल से लाउडस्पीकर को 20 जनवरी तक उतरवाना सुनिश्चित करें।

 

जगह के मुताबिक ध्वनि का मानक

आदेश में ध्वनि प्रदूषण (विनियमन और नियंत्रण) नियम, 2000 के अनुसार नियमावली के शेड्यूल में एएक्यूएसआरएन के तहत विभिन्न क्षेत्रों जैसे इंडस्ट्रियल, कॉमर्शियल, रेजिडेंशियल व शांत क्षेत्र में दिन व रात के समय अधिकतम ध्वनि तीव्रता निर्धारित की गई है। इसके तहत इंडस्ट्रियल एरिया में दिन के वक्त 75 व रात के वक्त 70 डेसीबल, कॉमर्शियल एरिया के लिये 65 व 55, रेजिडेंशियल एरिया में 55 व 45 जबकि, साइलेंस जोन मे दिन में 50 डेसीबल व रात में 40 डेसीबल ध्वनि का मानक तय किया गया है।

 

 

उल्लंघन पर यह होगी सजा

बिना परमीशन लाउडस्पीकर लगाने पर संबंधित प्रबंधक के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया जाएगा। मामले में दोषी पाये जाने पर उसे पांच साल तक की सजा, एक लाख रुपये जुर्माना या दोनों साथ ही उल्लंघन करने के कुल दिनों का पांच हजार रुपये प्रतिदिन के हिसाब से जुर्माना भी देना होगा।

 

 

कहां कितना ध्वनि मानक

 

एरिया की श्रेणी मानक दिन मानक रात

इंडस्ट्रिलयल 75 डेसी। 70 डेसी.

कॉमर्शियल 65 डेसी। 55 डेसी.

रेजिडेंशियल 55 डेसी। 45 डेसी.

साइलेंस जोन 50 डेसी। 40 डेसी.

Posted By: Inextlive