- मुख्तार अब्बास नकवी को दिया ज्ञापन

- आजम खान भी कर चुके हैं सिफारिश

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Meerut : हाईकोर्ट बेंच कहां हो, मेरठ, आगरा या रामपुर। चौंक गए न। जी हां, अब रामपुर के वकीलों ने भी हाईकोर्ट की बेंच की मांग करनी शुरू कर दी है। उन्होंने इसके लिए अल्पसंख्यक मामलों के केंद्रीय राज्यमंत्री मुख्तार अब्बास नकवी को भी इस मामले में ज्ञापन भी सौंप दिया है। करीब दो साल पहले यूपी के कैबिनेट मिनिस्टर आजम खान भी रामपुर में हाईकोर्ट बेंच की सिफारिश कर चुके हैं, जिसके बाद मेरठ के वकीलों ने काफी हंगामा किया था। अब सबसे बड़ा सवाल खड़ा हो गया है कि ऐसे वेस्ट यूपी के वकील क्या रुख अपनाएंगे।

रामपुर से आई बेंच की आवाज

अभी आगरा में राम शंकर कठेरिया द्वारा बेंच को लेकर दिए बयान से लगी आग ठंडी भी नहीं हुई कि रामपुर जिले से भी बेंच की आवाज आनी शुरू हो गई है। रामपुर के वकीलों ने भी केंद्र सरकार के केंद्रीय राज्यमंत्री का दामन थामा है। रामपुर बार एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने अल्पसंख्यक मामलों के केंद्रीय राज्यमंत्री मुख्तार अब्बास नकवी को ज्ञापन भी दिया है। नकवी ने इस मामले में कोई बयान तो नहीं दिया है। उन्होंने इस मामलों को केंद्र सरकार तक पहुंचाने की हामी जरूर भरी है। रामपुर बार से कोई पदाधिकारी वेस्ट यूपी मेरठ में चल रहे आंदोलन की वजह से खुलकर बोलने को तैयार नहीं हैं।

आजम खान भी कर चुके हैं सिफारिश

रामपुर में हाईकोर्ट बेंच की स्थापना करने की सिफारिश यूपी के कैबिनेट मंत्री आजम खान भी कर चुके हैं। साथ ही बेंच के लिए जमीन देने की बात कह चुके हैं। जिसके बाद मेरठ के वकीलों ने आजम के पुतले फूंकने के साथ उनका मेरठ आने पर घेराव भी किया था। ऐसे में रामपुर के वकीलों में भी बेंच के लिए मांग बढ़ गई है और वो बेंच की स्थापना के लिए अपनी मांगों को केंद्र तक के नेताओं से सिफारिश लगाने में जुट गए हैं।

होनी चाहिए चार बेंच

नाम न छापने की शर्त पर रामपुर बार के पदाधिकारी ने बताया कि सभी को अपनी मांग रखने का अधिकार है। ये भी कहा यूपी में सिर्फ एक ही बेंच की जरुरत नहीं है बल्कि तीन-चार बेंच की जरुरत है। ऐसे में हमारी मांग भी नाजायज नहीं है। इससे पहले रामपुर बार एसोसिएशन ने ये भी मांग उठाई थी कि उन्हें लखनऊ बेंच के साथ कनेक्ट कर दिया जाए, लेकिन ऐसा नहीं हो सका। अब बेंच की मांग की मांग के आने के बाद उन्होंने भी झंडा बुलंद कर दिया है।

मेरठ की मांग कैसे पूरी होगी

अब सवाल ये है कि पहले आगरा और अब रामपुर बार के द्वारा बेंच की मांग उठाने के बाद मेरठ में सबसे पुरानी मांग का क्या होगा। जानकारों की मानें तो अगर सभी जिलों से बेंच की मांग उठने लगी तो हाईकोर्ट और सेंट्रल गवर्नमेंट इस मुद्दे को सीरियस लेना ही बंद कर देगी। ऐसे में मेरठ में चल रहे आंदोलन काफी कमजोर हो जाएगा। फिर एक बार बात सालों के लिए अटक जाएगी। आपको बता दें करीब दो महीने पहले केंद्रीय मानव संसाधन राज्यमंत्री रामशंकर कठेरिया ने आगरा में बेंच बनाने की बात कही थी। जिसके बाद से मेरठ में हड़ताल का दौर जारी है।

हमारे बार हाउस में ये बेंच का निर्णय लिया था। इसलिए सभी की रजामंदी से मुख्तार अब्बास नकवी को ज्ञापन दिया गया है।

- बलराज सिंह, अध्यक्ष, रामपुर बार एसोसिएशन

अगर सरकार को लगता है कि बेंच में देर लगेगी तो सरकार हाईकोर्ट के माध्यम से आगरा मंडल, मेरठ-सहारनपुर-मुरादाबाद मंडलों में से एक जगह और गोरखपुर मंडल में सर्किट बेंच दे दें। साथ ही हाईकोर्ट बेंच के लिए एक समिति का गठन कर दे।

- रामकुमार शर्मा, पूर्व महामंत्री, मेरठ बार एसोसिएशन

Posted By: Inextlive