इलाहाबाद हाई कोर्ट ने कहा, प्रोन्नति से भरे जाने वाले पद पर आश्रित कोटे में नहीं की जा सकती नियुक्ति

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा है कि पदोन्नति कोटे के पद पर मृतक आश्रित कोटे से नियुक्ति नहीं की जा सकती। यदि पद खाली है तो प्रबन्धक समिति इस आधार पर आश्रित की नियुक्ति देने से इन्कार नहीं कर सकती कि खाली पद को खुली भर्ती विज्ञापन के जरिये उसे पद भरने का अधिकार है। कोर्ट ने आश्रित की नियुक्ति देने से इन्कार करने के आदेश को अवैध करार देते हुए रद कर दिया है और जिला विद्यालय निरीक्षक वाराणसी को आदेश दिया है कि याची की नियुक्ति खेदन लाल राष्ट्रीय इंटर कालेज चेतगंज वाराणसी में करने के आदेश के खिलाफ एकल पीठ के फैसले के खिलाफ विशेष अपील खारिज कर दी है।

प्रबंध समिति ने दाखिल की थी याचिका

यह आदेश जस्टिस दिलीप गुप्ता तथा जस्टिस नीरज तिवारी की खण्डपीठ ने खेदन लाल राष्ट्रीय इंटर कालेज की प्रबंध समिति की अपील पर दिया है। अपील पर अधिवक्ता एसबी सिंह व विपक्षी अधिवक्ता राजेश कुमार सिंह ने बहस की। मालूम हो कि श्रीमति प्रीती देवी के पति रामबाबा इंटर कालेज वाराणसी में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी थे। सेवाकाल में मौत हो गयी। इस कालेज में एक पद प्रोन्नति कोटे का ही खाली था तो जिला विद्यालय निरीक्षण वाराणसी ने खेदनलाल इंटर कालेज की प्रबंध समिति को विधवा की आश्रित कोटे में सहायक लिपिक पद पर नियुक्ति का आदेश दिया। सुनवाई न होने पर हाईकोर्ट में याचिका दाखिल हुई। कोर्ट ने निरीक्षक के आदेश को नियमानुसार सही माना। इस आदेश को प्रबन्ध समिति ने विशेष अपील में चुनौती दी और कहा कि याची की नियुक्ति रामबाबा कालेज में की जानी चाहिए। कोर्ट ने कहा कि आश्रित कोटे में नियुक्ति के लिए रामबाबा कालेज में पद रिक्त नहीं है और रेग्यूलेशन 106 के अन्तर्गत निरीक्षक ने सही आदेश दिया है। प्रबन्ध समिति नियुक्ति देने से इन्कार नहीं कर सकती।

Posted By: Inextlive