डेढ़ साल से कैमरे बंद, सुरक्षा भगवान भरोसे

चीफ सेक्रेट्री हाजिर, योजना पर अमल को मांगा समय

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इलाहाबाद हाईकोर्ट की सात न्यायाधीशों की वृहदपीठ ने हाईकोर्ट की सुरक्षा में लगे सीसीटीवी कैमरे रख-रखाव न होने से तीन माह बाद बन्द हो जाने को गंभीरता से लेते हुए कोर्ट की सुरक्षा के प्रति सरकारी अधिकारियों के रवैये की तीखी आलोचना की। कहा कि डेढ़ साल से कोर्ट की सुरक्षा भगवान भरोसे है। जबकि इस पर करोड़ों रुपये खर्च किये गये हैं। अभी तक न तो बायोमेट्रिक कार्ड बना है और न स्कैनर ठीक से काम नहीं कर रहे हैं। कोर्ट ने लापरवाही की जांच कर कार्यवाही करने के साथ सरकार को कोर्ट की फुलप्रूफ सुरक्षा देने को भी कहा है। अगली सुनवाई की तिथि 12 फरवरी तक रिपोर्ट तलब की है।

सरकार अपनी जिम्मेदारी पूरी करे

चीफ जस्टिस ने कहा हमें सुरक्षा चाहिए। सरकार अपनी जिम्मेदारी पूरी करे। जस्टिस सुधीर अग्रवाल ने टिप्पणी की कि कोर्ट की बांह काट दें, पैन्ट घुटने के नीचे से काटकर कहें शूट तैयार है। ऐसी ही दी गयी है हाईकोर्ट की सुरक्षा। प्रमुख सचिव गृह ने एक माह का समय मांगा और बताया कि जिला अदालतों की सुरक्षा पर तैयार 275 करोड़ की योजना में 1 करोड़ 75 लाख का काम हो चुका है। अदालतों की बाउण्ड्री बन रही है। अपर महाधिवक्ता ने बताया कि 6 माह में अदालतों की बाउन्ड्री बन जायेगी। अदालतों में मूलभूत सुविधाएं मुहैया कराने के लिए कायम जनहित याचिका पर सुनवाई चीफ जस्टिस गोविन्द माथुर, जस्टिस विक्रम नाथ, जस्टिस सुधीर अग्रवाल, जस्टिस भारती स्रपू, जस्टिस मित्तल, जस्टिस शशिकांत गुप्ता तथा जस्टिस वीके नारायण की वृहदपीठ ने की। अपर महाधिवक्ता मनीष गोयल ने कोर्ट को बताया कि सरकार ने मानीटरिंग कमेटी गठित की है। कोर्ट में मुख्य सचिव अनूप चन्द्र पांडेय प्रमुख विधि प्रमुख सचिव गृह, महानिबन्धक सहित दर्जनों अधिकारी मौजूद थे।

वीडियो कांफ्रेंसिंग की व्यवस्था करें

वीडियो कांफ्रेसिंग से विचाराधीन कैदियों की पेशी व रिमांड के मुद्दे पर कोर्ट ने कहा कि जेलों में लीज लाइन से इंटरनेट सुविधा के साथ वीडियो कांफ्रेसिंग की व्यवस्था की जाय। प्रमुख सचिव ने कहा अब तक 10 लाख कैदियों की रिमांड वीडियो कांफ्रेसिंग हुई है। कोर्ट ने कटाक्ष किया कि यह संख्या 7 सालों की है। कांफ्रेसिंग से कैदियों को अदालत तक लाने के खर्च से बचा जा सकता है। अदालतों में स्वतंत्र पावर फीडर लगाने का कार्य 30 अप्रैल तक पूरा करने का निर्देश दिया है। ग्राम अदालतों के गठन के मामले में सरकार ने 113 कोर्टो के गठन को मंजूरी दी है किन्तु चार अदालतें ही गठित हो सकी है। मुख्य सचिव ने कहा कि जून तक सभी अदालतों के लिए भवन की व्यवस्था कर ली जायेगी। अभी 26 भवन उपलब्ध है शेष किराये पर लिए जायेंगे।

कैबिनेट की मंजूरी का इंतजार

वाहन पार्किग पर प्रमुख सचिव न्याय ने कहा 12 मंजिली पार्किंग का 690 करोड़ का प्रोजेक्ट तैयार है

इसमें 3400 पार्किंग स्लाट व 1500 लायर्स चेंबर बनेंगे

वित्त विभाग की सहमति से कैबिनेट में निर्णय के बाद योजना लागू की जायेगी

कोर्ट ने ड्राइवर, स्टेनों व अन्य स्टॉफ के पद सृजित करने का आदेश दिया

Posted By: Inextlive