41 हजार पुलिस भर्ती में मेडिकल में फेल अभ्यर्थियों को बड़ी राहत

हाईकोर्ट ने कहा, मेडिकल जांच के दिन ही अपील अवैध

इलाहाबाद हाई कोर्ट ने 41560 सिपाहियों की भर्ती में मेडिकल टेस्ट में असफल अभ्यर्थियों को बड़ी राहत दी है। कोर्ट ने मेडिकल जांच के दिन ही अपील दाखिल करने की बाध्यता के नियम 15 (एफ) के प्रकीर्ण 5(3)(डी) को असंवैधानिक करार देते हुए रद कर दिया है। कोर्ट ने कहा कि असफल अभ्यर्थियों को जांच के खिलाफ अपील का एक मौका और देते हुए नए सिरे से मेडिकल बोर्ड गठित किया जाए। बोर्ड में प्राचार्य द्वारा नामित एक प्रोफेसर चिकित्सक रखा जाए और यह कार्यवाही दो माह में पूरी की जाए। कोर्ट के इस आदेश से हजारों लोगों को दोबारा मेडिकल जांच का मौका मिलेगा।

2013 में आई थी सिपाही भर्ती

यह आदेश जस्टिस पीकेएस बघेल ने वंदना सहित अन्य याचिकाओं पर अधिवक्ता विजय गौतम के तर्को से सहमत हुए दिया है। मालूम हो कि 14 मई 2013 को पुलिस भर्ती बोर्ड ने विज्ञापन निकाला। संशोधित विज्ञापन से 35500 पुलिस कांस्टेबल, 4033 प्रांतीय सशस्त्र पुलिस एवं 2077 फायरमैन की भर्ती प्रक्रिया शुरू की। उप्र पुलिस कांस्टेबल एवं हेड कांस्टेबल सेवा नियमावली 2008 के नियम 15(एफ) के तहत मेडिकल जांच के बाद परिणाम घोषणा के दिन असफल अभ्यर्थियों को मेडिकल बोर्ड में अपील दाखिल करने का उपबंध है। इसके तहत अपील दाखिल करने से हजारों वंचित रह गए। इन लोगों ने नियम 15(एफ) की वैधता को चुनौती दी। कोर्ट ने नियम को रद करते हुए कहा कि नए सिरे से मेडिकल बोर्ड बने। यह अभ्यर्थियों की जांच कर निर्णय ले तथा इसे भविष्य की भर्तियों के लिए भी लागू माना जाए। याचिका कोर्ट ने आंशिक रूप से मंजूर कर ली है।

डॉक्टर्स ने लिया था घूस

याची का कहना है कि इस भर्ती में अधिकांश को प्रशिक्षण पर भेजा जा चुका है। शेष को रोक लिया गया है। मेडिकल जांच में डॉक्टरों द्वारा घूस लेने की शिकायत की गई। कुछ को पुलिस ने रंगे हाथ पकड़ा। अलीगढ़ में डॉक्टरों के खिलाफ प्राथमिकी भी दर्ज है। मेडिकल जांच में धांधली की गई इसीलिए जांच के ही दिन अपील दाखिल करने का नियम बनाया गया ताकि डॉक्टरों का भेद न खुले।

Posted By: Inextlive