बाहुबली पूर्व सांसद अतीक अहमद के खिलाफ कार्रवाई में ढुलमुल रुख पर हाई कोर्ट ने पूछा

SSP को देना होगा जवाब, शुक्रवार को फिर होगी सुनवाई

बाहुबली पूर्व सांसद अतीक अहमद को कोई रियायत देने के मूड में हाई कोर्ट नहीं है। कोर्ट ने बुधवार को अतीक के केस में सुनवाई के दौरान सरकार और पुलिस की मंशा पर ही सवाल खड़ा कर दिया। कोर्ट ने कहा कि एक अपराधी जमानत पर रिहा है और अपराध पर अपराध किए जा रहा है फिर उसकी जमानत निरस्त नहीं हुई। कोर्ट ने जमानत पर छूटने के बाद दोबारा अपराध को जमानत निरस्त करने का आधार मांगा और राज्य सरकार के साथ इलाहाबाद के एसएसपी से हलफनामा देकर बताने को कहा है कि अतीक की जमानत निरस्त करने के लिए उन्होंने क्या कार्रवाई की। अगली सुनवाई 17 फरवरी को होगी।

अब SP crime करेंगे जांच

शियाट्स में पिछले दिनों हुई घटना पर सुनवाई कर रहे चीफ जस्टिस डीवी भोसले और जस्टिस यशवन्त वर्मा की खंडपीठ ने पुलिस की लचर विवेचना को देखते हुए जांच एसपी क्राइम इलाहाबाद को सौंप दी है। कोर्ट ने राज्य सरकार से पूछा है कि सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया है कि यदि अभियुक्त जमानत पर रिहा होने के बाद दुबारा अपराध करता है तो यह उसकी जमानत को निरस्त करने का आधार होगा तो राज्य सरकार ने हत्या, अपहरण जैसे 45 गंभीर आपराधिक मामलों में लिप्त पूर्व सांसद की जमानत निरस्त करने की क्या कार्यवाही की है। साथ ही जनप्रतिनिधियों के आपराधिक मामले शीघ्र निपटाने के सुप्रीम कोर्ट के आदेश के तहत राज्य सरकार ने क्या कार्यवाही की है। कोर्ट ने सरकार द्वारा की गयी कार्यवाही की जानकारी के साथ एसएसपी इलाहाबाद से हलफनामा मांगा है।

खण्डपीठ ने शियाट्स नैनी के प्राक्टर व सुरक्षा अधिकारी राम किशन सिंह की सुरक्षा की मांग में दाखिल याचिका पर दिया है। राज्य सरकर के अपर महाधिवक्ता इमरानुल्ला खां ने कोर्ट को बताया कि पूर्व सांसद की 83 आपराधिक मामलों में लिप्तता सामने आई है। 45 मामले गंभीर प्रकृति के हैं। शियाट्स हमले की जांच एसपी क्राइम को सौंप दी गयी है। आरोपियों की गिरफ्तारी न होने व लचर विवेचना पर नाराजगी व्यक्त करते हुए कोर्ट ने सरकार से योग्य अधिकारी का नाम मांगा था। जिस पर सरकार ने यह जानकारी दी।

Posted By: Inextlive