खनन पर जारी रहेगी रोक, ई-टेण्डरिंग से 6 माह में जारी होंगे खनन पट्टे

हाई कोर्ट ने सरकार से मांगा जवाबी हलफनामा

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने प्रदेश सरकार को राहत देते हुए ई-टेण्डरिंग के जरिये 6 माह के लिए अस्थायी खनन परमिट देने का रास्ता साफ कर दिया है। कोर्ट ने राज्य सरकार से विस्तृत हलफनामा मांगा है और एक मई तक खनन परमिट जारी नहीं करने को कहा है। प्रदेश के महाधिवक्ता राघवेन्द्र सिंह ने कोर्ट को बताया कि राज्य सरकार ने खनन पट्टे ई-टेण्डरिंग के जरिये दिये जाने का नीतिगत फैसला लिया है किन्तु इस कार्यवाही में 6 माह तक का समय लग सकता है। इस दौरान अस्थायी खनन परमिट दी जायेगी जो 6 माह से अधिक नहीं होगी।

सरकार नियमो में करेगी बदलाव

खनन पट्टे की कार्यवाही के लिए केंद्र सरकार से अनापत्ति सहित एरिया घोषित करने की घोषणा जरूरी है। सरकार नियमों में जरूरी बदलाव भी करेगी। नियम 9ए के तहत खनन पट्टे में वरीयता देने के नियम को राज्य सरकार लागू नहीं करेगी। कोर्ट ने महाधिवक्ता के बयान को हलफनामें के मार्फत दो हफ्ते में दाखिल करने का समय दिया और सुनवाई की अगली तारीख एक मई नियत की है। यह आदेश चीफ जस्टिस डीबी भोसले तथा जस्टिस यशवन्त वर्मा की खण्डपीठ ने गुलाब चन्द्र व दर्जनों अन्य की याचिकाओं की सुनवाई करते हुए दिया है। याचिकाओं में नियम 9ए की वैधता को चुनौती दी गयी है। कोर्ट का कहना था कि यदि सरकार इस नियम को लागू नहीं करना चाहती तो वैधता पर सुनवाई का औचित्य नहीं है। चैप्टर 6 व चैप्टर 2 के तहत राज्य सरकार कार्यवाही करेगी।

Posted By: Inextlive