इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बारा, करछना व मेजा पावर प्लांट के लिए गंगा यमुना से पानी न लेकर ट्रीटमेंट प्लांट से शोधित पानी लेने की मांग में दाखिल जनहित याचिका पर यह कहते हुए हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया कि मंडलायुक्त ने जिलाधिकारी को इस संबंध में कार्यवाही करने का आदेश दिया है.यह आदेश चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ तथा जस्टिस यशवंत वर्मा की खंडपीठ ने अधिवक्ता सुनीता शर्मा व पूर्व सभासद कमलेश सिंह की जनहित याचिका पर दिया है। याची अधिवक्ता विजय चंद्र श्रीवास्तव का कहना था कि गंगा-यमुना का जलस्तर काफी कम है। बारा पावर प्लांट के लिए 96 क्यूसेक, करछना पावर प्लांट के लिए 54 क्यूसेक व मेजा पावर प्लांट के लिए 90 क्यूसेक कुल 240 क्यूसेक पानी की जरूरत है। इलाहाबाद के एसटीपी से 268 क्यूसिक पानी शोधित हो रहा है। याची अधिवक्ता वीसी श्रीवास्तव, शरद चंद्र मिश्र व सुनीता शर्मा ने आयुक्त राजन शुक्ल से मुलाकात की। उन्होंने शोधित पानी पावर प्लांट के लिए दिए जाने का आश्वासन दिया है।

Posted By: Inextlive