एक माह में हाजिर होने का निर्देश, उत्पीड़नात्मक कार्रवाई पर रोक

ALLAHABAD: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बसपा सरकार में रहे कैबिनेट मंत्री डा। राकेशधर त्रिपाठी की उस याचिका को खारिज कर दिया है, जिसमें उन्होंने आय से अधिक संपत्ति अर्जित किये जाने के मामले में अपने खिलाफ दाखिल चार्जशीट को चुनौती दी थी। न्यायालय ने उन्हें तीस दिन के भीतर अदालत में जमानत अर्जी दाखिल करने का निर्देश दिया है। तब तक के लिए न्यायालय ने उनके विरुद्ध उत्पीड़नात्मक कार्यवाही पर रोक भी लगा दी है। यह आदेश जस्टिस तरुण अग्रवाल व जस्टिस विपिन सिन्हा की खंडपीठ ने डा। राकेशधर त्रिपाठी की याचिका पर अधिवक्ता दिलीप कुमार व चंदन शर्मा तथा राज्य सरकार की ओर से अपर महाधिवक्ता इमरान उल्लाह व एजीए विकास सहाय को सुनकर दिया है। याचिका में कैबिनेट मंत्री के विरुद्ध दाखिल धारा 13 (1) (ई) व धारा 13 (2) भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम विजलेंस सतर्कता विभाग द्वारा दाखिल आरोप व निचली अदालत द्वारा जारी 12 अप्रैल 2016 के समन आदेश को निरस्त करने की मांग की गयी थी। याची के अधिवक्ता का तर्क था कि सतर्कता विभाग द्वारा अर्जित आय का आकलन व संपत्ति की सही तरीके से विवेचना नहीं की गई है। नियमों के विपरीत जाकर बिना राज्य सरकार की अनुमति के विवेचक ने सीधे आरोप पत्र संबंधित अदालत में दाखिल कर दिया है जो कानूनन सही नहीं है। दूसरी तरफ अपर महाधिवक्ता इमरान उल्लाह का तर्क था कि राज्यपाल ने इस मामले में अभियोजन स्वीकृति प्रदान की है। आरोप पत्र दंप्रसं की धारा 173 (2) के तहत सक्षम न्यायालय में पेश किया गया है। इसमें कोई वैधानिक त्रुटि नहीं है। साथ ही कहा कि आय की आकलन में त्रुटि यदि है तो वह निचली अदालत के समक्ष ट्रायल के दौरान विचार किया जायेगा।

Posted By: Inextlive