माध्यमिक विद्यालयों में शिक्षकों के रिक्त पदों को भरने के निर्देश

इलाहाबाद हाई कोर्ट ने प्रदेश के राजकीय माध्यमिक विद्यालयों में अध्यापकों की कमी एवं अन्य जिलों के अध्यापकों का तबादला कर मैनपुरी जिले के खाली पदों को भरने के आदेश को गंभीरता से लिया है। कोर्ट ने माध्यमिक शिक्षा निदेशक उप्र को निर्देश दिया है कि वह स्वयं पता लगायें कि कितने अध्यापक कार्यरत हैं, कितने पद खाली है तथा कितने अध्यापकों की जरूरत है। कोर्ट ने निदेशक को खाली पदों को संविदा, पार्ट टाइम व अंशकालिक रूप से नियुक्ति की छूट दी है।

टीचर की विशेष अपील का निस्तारण

यह आदेश कार्यवाहक चीफ जस्टिस वीके शुक्ल तथा जस्टिस यूसी श्रीवास्तव की खंडपीठ ने मथुरा वीडीपी इंटर कालेज के अध्यापक दलबीर सिंह चौधरी की विशेष अपील को निस्तारित करते हुए दिया है। मालूम हो कि मुख्यमंत्री कार्यालय की तरफ से आदेश दिया गया कि मैनपुरी जिले में रिक्त अध्यापक पदों को भरा जाए। जिसके चलते आसपास के जिलों के अध्यापकों का तबादला मैनपुरी कर दिया गया। यह कार्यवाही 6 जनवरी 16 को मैनपुरी में हुई मुख्यमंत्री की सभा में दिये गये आश्वासन के चलते की गयी।

473 पद भरने के लिए भेजेंगे अधियाचन

कोर्ट ने केवल एक जिले के पदों को भरने के बाबत राज्य सरकार से जानकारी मांगी तो बताया गया कि 473 खाली पदों को भरने के लिए लोक सेवा आयोग को अधियाचन भेजा जायेगा। राजकीय विद्यालयों के सहायक अध्यापकों का चयन आयोग द्वारा किया जाता है। कोर्ट ने कहा कि चयन में देरी होगी इसलिए डायरेक्टर खाली पदों को भरने की कार्यवाही करें। एकल पीठ ने याची के तबादले पर रोक नहीं लगायी थी जिसे विशेष अपील में चुनौती दी गयी थी। कोर्ट ने निदेशक को चार माह में खाली पदों को भरने की कार्यवाही पूरी करने का निर्देश दिया है।

Posted By: Inextlive