सरकार को अंतिम अवसर
टीईटी अभ्यर्थियों की याचिका पर हाईकोर्ट गंभीर सरकार को दाखिल करना है जवाबी हलफनामा
नियुक्ति ऑनलाइन करने व खाली पदों की संख्या बताने की भी मांग प्रदेश में सहायक अध्यापक पदों पर नियुक्ति के लिए टीईटी पास अभ्यर्थियों की ओर से दाखिल जनहित याचिका पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को जवाबी हलफमाना दाखिल करने का अंतिम अवसर दिया है। इससे पहले कोर्ट दो बार राज्य सरकार को जवाबी हलफनामा दाखिल करने का समय दे चुकी है। हलफनामा दाखिल न करने पर कोर्ट ने नाराजगी भी व्यक्त की है। जनहित याचिका पर चल रही सुनवाईयह आदेश जस्टिस दिलीप गुप्ता तथा जस्टिस आरएन कक्कड़ की खण्डपीठ ने मयंक तिवारी व अन्य की जनहित याचिका पर दिया है। याची का कहना है कि अनिवार्य शिक्षा कानून लागू होने के बावजूद प्राथमिक विद्यालयों में सहायक अध्यापकों के पद भारी संख्या में खाली पड़े हैं। टीईटी पास अभ्यर्थियों की खाली पदों पर नियुक्ति नहीं की जा रही है। याची अपने बच्चों को शिक्षा दिलाना चाहता है किंतु अध्यापकों की कमी के चलते अनिवार्य शिक्षा कानून के उद्देश्य की पूर्ति नहीं हो रही है। बच्चों को शिक्षा पाने के अधिकार से वंचित किया जा रहा है। याचिका में प्रदेश के 16831 प्राइमरी स्कूलों में सहायक अध्यापकों के खाली पदों की नियुक्ति का डाटा ऑन लाइन करने तथा रिक्त पदों की जानकारी देने की मांग की गई है।
मामला सरकार के पास विचाराधीन राज्य सरकार की तरफ से कहा गया कि शिक्षा मित्रों व टीईटी पास अभ्यर्थियों का मामला विचाराधीन है। सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार राज्य सरकार टीईटी पास अभ्यर्थियों की नियुक्ति कर रही है। नियुक्ति प्रक्रिया जारी है। कोर्ट ने प्रकरण को गंभीर माना और राज्य सरकार को याचिका पर जवाबी हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया है। याचिका की अगली सुनवाई 11 जुलाई को होगी।