सिपाही को जमानत या समझौते का विकल्प दिया गया

ALLAHABAD: हाईकोर्ट ने लिव इन रिलेशन को लेकर हुए विवाद में पुलिस कांस्टेबल के परिवार के सदस्यों की गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है। कोर्ट ने कांस्टेबल को जमानत कराने या समझौता करने का विकल्प सुझाया है। बिजनौर के कांस्टेबल मुकेश कुमार और अन्य की याचिका पर जस्टिस एपी साही और राजीव मिश्र की पीठ ने सुनवाई की।

पोस्टिंग के दौरान बढ़ी नजदीकी

याची के अधिवक्ता विजय गौतम का कहना था कि दोनों कांस्टेबल नजदीक के थानों में तैनात थे। इस दौरान उनके बीच नजदीकी बढ़ी और दोनों साथ रहने लगे। उन्होंने आर्य समाज मंदिर में शादी भी कर ली। इस बीच महिला कांस्टेबल ने अपने विवाह को सार्वजनिक रूप से जाहिर करने के लिए याची पर दबाव बनाना शुरू कर दिया। याची अन्य पिछड़ा वर्ग का है, जबकि महिला कांस्टेबल अनुसूचित जाति से है। सामाजिक विषमताओं के कारण याची ऐसा नहीं कर सका तो उसे और उसकी दो बहनों, मां और छोटे भाई को मुकदमे में फंसा दिया गया। कोर्ट ने याची की बहनों, मां और भाई की गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है। याची को निर्देश दिया है कि वह या तो जमानत के लिए प्रार्थना करे या विभागीय स्तर पर उपलब्ध कोई तरीका अपना सकता है। कोर्ट ने याची को सुलह समझौता का रास्ता अपनाने की भी सलाह दी है।

Posted By: Inextlive