GORAKHPUR : अमीरी-गरीबी की दीवार या जाति-धर्म कभी दो दिलों को अलग नहीं कर पाया. प्यार ने कभी पैसा नहीं देखा और न ही परिवार के सामने घुटने टेके. मगर समय के साथ अब जन्मों के बंधन में बंधने के लिए प्यार को पैसा की जरूरत पड़ेगी. हाईकोर्ट के एक फैसले ने प्यार के बीच पैसे की दीवार खड़ी कर दी है. हालांकि यह पैसा दो दिलों का दुश्मन नहीं बल्कि लगातार बढ़ रही धोखाधड़ी को खत्म करने का एक नायाब तरीका है. जिससे दो दिल एक होंगे मगर गल्र्स का फ्यूचर अंधकार में नहीं होगा. इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश के बाद पुलिस हेडक्वार्टर से सभी थानों को इस बारे में निर्देश जारी कर दिया गया है.


इसलिए आया प्यार में पैसा


लव मैरिज से पहले 50 हजार की एफडी कराना जरूरी है। हाईकोर्ट का यह फैसला भले ही कुछ लोगों को पसंद आए या न आए, मगर इसकी जरूरत जरूर थी। रियल में आते रील लाइफ के इफेक्ट ने लव मैरिज को बढ़ावा दिया है। दो मुलाकातों और दो प्यार भरी बातों को यूथ लव समझ कर मैरिज तक पहुंच जाते है। मगर कुछ दिन बाद हकीकत सामने आने पर दोनों का दिल टूट जाता है और वे अलग हो जाते है। इस पूरे प्यार में गल्र्स का फ्यूचर बर्बाद हो जाता है। क्योंकि लव मैरिज के फेर में अधिकांश गल्र्स अपना परिवार छोड़ देती है। ऐसे में हसबैैंड का साथ छूटने पर वे इकोनामिकल वीक हो जाती है और कंडीशन सुसाइड तक पहुंच जाती है। जिसे रोकने के लिए हाईकोर्ट ने यह फैसला सुनाया है। जिसके बाद धोखाधड़ी खत्म हो जाएगी। साथ ही गल्र्स का फ्यूचर सेफ रहेगा। धोखा दिया तो चलेगा क्रिमिनल केस

यूथ पर चढ़ते फिल्मी फीवर ने लव मैरिज के ट्रेंड को बढ़ा दिया है। जितनी तेजी से लव मैरिज का ट्रेंड बढ़ा है, उतनी ही तेजी से धोखाधड़ी का भी। कुछ माह की शादी की बाद अक्सर लड़के लड़कियों को धोखा दे रहे है। नतीजा थानों से लेकर कोर्ट तक लव मैरिज के बाद धोखाधड़ी की संख्या बढ़ती जा रही है। लव मैरिज के चलते गल्र्स को फैमिली भी निकाल देती थी। जिससे वे पूरी तरह टूट जाती थी। मगर अब कोर्ट के इस फैसले के बाद गल्र्स को तुरंत पैसा मिल जाएगा। साथ ही फरेब करने वाले प्रेमी के खिलाफ पुलिस केस चलाएगा। कोर्ट का यह फैसला बिल्कुल सही है। इससे गल्र्स के साथ होने वाले फरेब के मामले कम होंगे। कोर्ट को एफडी की रकम और बढ़ानी चाहिए। वैसे ये आज के सिस्टम में नई बात है। क्योंकि पहले भी वधू मूल्य और मेहर के रूप में गल्र्स को मजबूत किया जाता था। डॉ। कीर्ति पांडेय, एचओडी सोश्योलॉजी डिपार्टमेंट डीडीयू यूनिवर्सिटी

Posted By: Inextlive