---रेड जोन से आने वाले प्रवासियों के मामले में भी मांगी जानकारी

- कोरोना से निपटने के उपायों को लेकर हुई सुनवाई

- इद्रजीत सिन्हा ने प्रवासी मजदूरों का उठाया मामला

रांची : झारखंड हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस डॉ। रवि रंजन व जस्टिस एसएन प्रसाद की खंडपीठ ने मंगलवार को कोरोना से निपटने के उपायों के मामले में सुनवाई करते हुए सरकार से ¨हदपीढ़ी से संबंधित जवाब मांगा है। अदालत ने सरकार पूछा है कि हिंदपीढ़ी की आबादी कितनी है और अब तक कितने लोगों की कोरोना वायरस के संक्रमण की जांच की गई है। इसके अलावा, अदालत ने सरकार से रेड जोन से आने वाले प्रवासी मजदूरों के मामले में भी जानकारी मांगी है। सरकार से प्रवासी मजदूरों की जांच के लिए केंद्र सरकार के नियम कोर्ट में पेश करने को कहा है। सरकार को यह बताने को कहा है कि राज्य में केंद्र के नियमों का पालन किया जा रहा है या नहीं। दोनों मामलों में सरकार को 29 मई तक रिपोर्ट पेश करने का निर्देश अदालत ने दिया है।

राज्य में 51 हजार टेस्ट

सुनवाई के दौरान अधिवक्ता इंद्रजीत सिन्हा ने कहा कि राज्य में अभी तक 51 हजार लोगों का टेस्ट किया जा चुका है, लेकिन सरकार के आंकड़े के अनुसार अब तक साढ़े तीन लाख प्रवासी मजदूर राज्य में आ चुके हैं। उनकी जांच को लेकर राज्य सरकार क्या कर रही है। इस पर अदालत ने सरकार से पूछा कि प्रवासी मजदूरों को लेकर केंद्र सरकार की ओर से क्या नियम बनाए गए हैं, इसकी पूरी जानकारी अदालत में दाखिल करें। इसके अलावा, अदालत ने पूछा कि ¨हदपीढ़ी की कितनी आबादी है और कितने लोगों की जांच की गई है। इसकी पूरी रिपोर्ट भी अदालत में दाखिल करनी है।

इस मामले में कोर्ट ने पूर्व में सरकार से राज्य में कोरोना वायरस के संक्रमण से निपटने के लिए उठाए जा रहे कदम की जानकारी मांगी थी। सरकार की ओर से बताया गया था कि जांच में तेजी लाई गई है। जांच केंद्रों की संख्या बढ़ गई है और पहले से अधिक जांच हो रही है। केंद्र सरकार से संसाधन मिल रहे हैं और कुछ और संसाधनों की मांग की गई है। इस पर कोर्ट ने सरकार को प्रगति रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया था। मंगलवार को मामले की सुनवाई होते ही कोर्ट ने सरकार से हिंदपीढ़ी की पूरी रिपोर्ट 29 मई तक पेश करने का निर्देश देते हुए सुनवाई स्थगित कर दी।

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¨हदपीढ़ी में घटेगा कंटेंनमेंट जोन, बल की संख्या भी होगी कम

-दो दिनों में कंटेंनमेंट जोन की समीक्षा के बाद रांची जिला प्रशासन लेगा निर्णय

-सीआरपीएफ के जवानों की वापसी का लिया जा सकता है निर्णय

रांची : ¨हदपीढ़ी इलाके से एक सप्ताह के भीतर सीआरपीएफ के जवान वापस हो सकते हैं। दो दिनों के भीतर इस विषय पर निर्णय लिया जाना है। ¨हदपीढ़ी में अब कंटेंनमेंट जोन घटाने पर विचार किया जा रहा है। तेजी से ठीक हो रहे मरीजों को देखते हुए पहले ही ¨हदपीढ़ी की पुरानी रांची, नूर नगर, निजाम नगर, छोटा तालाब को कंटेंनमेंट जोन से बाहर कर दिया गया है। ¨हदपीढ़ी में अब भी सीआरपीएफ व झारखंड पुलिस के जवान विधि-व्यवस्था संभालने के लिए लगाए गए हैं। तेजी से सुधर रहे हालात के बीच दो दिनों के भीतर कंटेंनमेंट व बफर जोन की समीक्षा होगी। इसके बाद बल की वापसी पर भी विचार होगा। उम्मीद जताई जा रही है कि एक सप्ताह के भीतर स्थिति सामान्य होते ही सीआरपीएफ के जवानों को हटा दिया जाएगा। वर्तमान में ¨हदपीढ़ी में सीआरपीएफ की दो कंपनियां तैनात है। इसके अलावा क्विक रिस्पांस टीम (क्यूआरटी) व रैपिड एक्शन पुलिस (रैप) भी संवेदनशील क्षेत्रों में गश्त कर रही है, ताकि कोरोना संक्रमण को बढ़ने से रोका जा सके।

Posted By: Inextlive