आई एक्सक्लूसिव

-कोर्ट ने प्रमुख सचिव से तलब की रिपोर्ट, पीआईएल की सुनवाई में सरकार को लताड़ा

-गृह सचिव और डीजीपी सोमवार को करेंगे अफसरों के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग

-हाईकोर्ट की लताड़ के बाद जागा शासन, बच्चा जेल की शिफ्टिंग पर बनेगी ठोस रणनीति

Meerut : मेरठ के संप्रेषण गृह से लगातार किशोरों की फरारी पर हाईकोर्ट ने सरकार को कड़ी फटकार लगाई है। जनहित याचिका की सुनवाई में प्रमुख सचिव कोर्ट को जबाव नहीं दे सके तो वहीं कोर्ट ने कहा है कि 'आखिर स्पष्ट करें कि-मेरठ में क्या चल रहा है? आए दिन घटनाएं हो रही हैं और पुनरावृत्ति को रोकने में आप असमर्थ हैं.' वहीं दूसरी ओर शासन ने गुरुवार किशोरों की भूख हड़ताल और हंगामे पर रिपोर्ट तलब की है, प्रमुख सचिव गृह देवाशीष पंडा और डीजीपी जावीद अहमद सोमवार को मेरठ के अफसरों के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग करेंगे।

जनहित याचिका पर चली सुनवाई

गुरुवार को हाईकोर्ट में फरमान अली की जनहित याचिका पर हाईकोर्ट ने सुनवाई की है। बता दें कि याची ने फरवरी 2015 में 91 किशोरों की फरारी के बाद हाईकोर्ट में जनहित याचिका दाखिल की थी। एक-दो तारीख के बाद प्रकरण शांत हो गया तो अफसर भी सुस्त पड़ गए। 2 मई को हुए हंगामे के संबंध में याची ने दोबारा कोर्ट का दरवाजा खटखटाया तो कोर्ट ने प्रमुख सचिव समेत डीपीओ पुष्पेंद्र सिंह को तलब कर लिया। हाईकोर्ट ने सरकार ने अगली तारीख पर जबाव मांगा है कि 'आखिर क्यों बार-बार बाल बंदी जुवेनाइल सेल से फरार हो रहे हैं?' कोर्ट ने किशोरों और संप्रेषण गृह की मौजूदा स्थिति और संसाधन का ब्योरा भी तलब किया है।

सोमवार को वीडियो कांफ्रेंसिंग

मई माह में दो बड़ी घटनाओं पर शासन में खलबली मच गई है। 3 मई को पथराव और 13 किशोरों फरारी का प्रकरण अभी शांत भी नहीं हुआ था कि गुरुवार को कानूनी कार्यवाही के विरोध में बाल बंदी भूख हड़ताल पर चले गए। दिनभर के नाटकीय घटनाक्रम के बाद किशोरों ने रात्रि आठ बजे से दो बजे तक छत पर चढ़कर जमकर हंगामा किया और पुलिस-प्रशासन पर पथराव किया। क्षेत्रीय निवासियों का जीना मुहाल है तो बाल सदन में रह रहे बच्चों को शिफ्ट करना पड़ा। एक-एक घटनाक्रम पर नजर रख रहे शासन ने मेरठ के अफसरों को वीडियो कांफ्रेंसिंग पर तलब कर लिया है। सोमवार को प्रमुख सचिव गृह देवाशीष पंडा और डीजीपी जावीद अहमद अफसरों के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग में स्थिति को समझेंगे। वीसी में डीएम, एसएसपी, एडीएम सिटी, सिटी मजिस्ट्रेट, प्रोवेशन विभाग के अफसरों के अलावा डीआईजी लक्ष्मी सिंह और डीआईजी (जेल) को मौजूद रहने के निर्देश हैं।

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पसरा रही तनावपूर्ण खामोशी

गुरुवार रात्रि दो बजे किशोरों को शांत करने के बाद प्रशासनिक अफसर पशोपेश में रहे तो वहीं शुक्रवार को सेल के बाहर तनावपूर्ण खामोशी बरकरार रही। मंडलीय उप परिवीक्षा अधिकारी आशुतोष सिंह स्थिति पर नजर बनाए थे तो वहीं डीपीओ पुष्पेंद्र सिंह भी फोन से संपर्क में थे। वार्डन मिथलेश सिंह ने भी अपनी बीमारी का प्रमाण डीपीओ को देते हुए लंबी छुट्टी मांगी। बड़ी संख्या में पुलिसकर्मी जुवेनाइल सेल के आसपास तैनात रहे तो वहीं स्टॉफ भी किशोरों से दूर ही रहा। गुरुवार देर रात्रि एडीएम सिटी के समझाने के बाद किशोरों ने चाबियां भी स्टॉफ को सौंप दी थी।

वापस आए बच्चे

गुरुवार किशोरों के हंगामे के बाद देर शाम बाल सदन में रह रहे 21 बच्चों को सुरक्षा के लिहाज से लालकुर्ती स्थित नारी निकेतन में शिफ्ट कर दिया गया था। स्थिति पर नियंत्रण के बाद शुक्रवार दोपहर सभी बच्चों को दोबारा सूरजकुंड स्थित बाल सदन बुलवा लिया गया है।

सीएम ले रहे अपडेट

मेरठ के संप्रेषण गृह में आए दिन हो रहे घटनाक्रम पर सीएम अखिलेश यादव की नजर है। सीएम हर गतिविधि की रिपोर्ट तलब कर रहे हैं तो वहीं विभाग की सांस अटकी पड़ी है। शुक्रवार को भी एक रिपोर्ट के सिलसिले विभागीय अफसर को सीएम कार्यालय ने जमकर खरी-खोटी सुनाई।

बाल संप्रेषण गृह में गुरुवार रात्रि स्थिति को नियंत्रित कर लिया गया। शासन को घटनाक्रम की जानकारी दे दी गई है। जिला प्रशासन किशोरों की गतिविधियों को वॉच कर रहा है।

नवनीत सिंह चहल

सीडीओ/प्रभारी जिलाधिकारी

Posted By: Inextlive