दिल्ली-हावड़ा व दिल्ली-मुंबई rute पर दौड़ेगी सबसे तेज train

तीन वर्ष में 21 हजार करोड़ की लागत से final होगा corridor

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ALLAHABAD: राजधानी व शताब्दी की रफ्तार की मात खा चुकी है। आजकल गतिमान एक्सप्रेस का जलवा है। यह ट्रेन दिल्ली से आगरा के बीच का सफर 160 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से तय कर रही है। समय की पटरी पर खरा उतरने की कवायद में लगे रेल मंत्रालय ने अब रफ्तार के सफर में डबल सेंचुरी मारने की तैयारी की है। गतिमान एक्सप्रेस की सफलता के बाद रेल मंत्री ने रेल बजट 2017-18 में अब तक की सबसे तेज ट्रेन 200 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ाने की प्लानिंग की है। इसके लिए दो रूट और कॉरीडोर को सेलेक्ट किया गया है। इन दोनों रूटों पर सफलता हासिल करने के बाद अन्य रूटों पर भी हाईस्पीड ट्रेन दौड़ायी जाएगी।

21 हजार करोड़ रुपये होगा खर्च

रेल मंत्रालय ने जिन दो रूटों पर अब तक की सबसे हाईस्पीड ट्रेन दौड़ाने की प्लानिंग की है, उनमें दिल्ली-हावड़ा और दिल्ली-मुंबई कॉरीडोर शामिल है। जिसे तैयार करने और 200 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से ट्रेन दौड़ाने के लिए तीन साल में तैयार किया जाना है। जिसके लिए करीब 21 हजार करोड़ रुपये का बजट निर्धारित किया गया है। जिस पर करीब सात हजार करोड़ रुपये ईयरली खर्च करने का प्लान बनाया गया है। कॉरीडोर तैयार होने के बाद दिल्ली-हावड़ा रूट पर दौड़ने वाली वीआईपी ट्रेनों की स्पीड 200 किलोमीटर प्रति घंटा हो जाएगी। 18 से 20 घंटे में 1400 किलोमीटर की दूरी तय कर दिल्ली से हावड़ा पहुंचने वाली ट्रेन आठ से दस घंटे में इस दूरी को तय कर लेगी।

प्रयोग रहा सफल तो

दिल्ली-हावड़ा और दिल्ली-मुंबई भारत में पहले ऐसे दो रूट होंगे जहां ट्रेनों की स्पीड सबसे अधिक होगी। स्पीड के मामले में अभी सिर्फ गतिमान एक्सप्रेस ही है, अधिकतम 160 की स्पीड से दौड़ रही है। रेलवे के अधिकारियों का कहना है कि अगर दोनों कॉरीडोर पर रेलवे का प्रयोग सफल रहा तो यह रेलवे के लिए सबसे बड़ी उपलब्धि होगी।

Rute सुधार पर है focus

रेल सेफ्टी पर एक लाख करोड़ रुपये का बजट भी सबसे हाईस्पीड ट्रेन दौड़ाने का एक हिस्सा है। जिसके तहत एनसीआर को 37.90 अरब का बजट दिया गया है। दिल्ली-हावड़ा रूट पर सबसे हाईस्पीड ट्रेन दौड़ सके इसलिए सभी जर्जर पुलों की मरम्मत करने के साथ ही, मानव रहित रेलवे क्रासिंगों को हटाया जा रहा है। फ्लाईओवर बनाए जाने का प्रस्ताव है। ब्रिजों को मजबूत किया जाएगा। कॉरीडोर के दोनों ओर फेंसिंग भी की जाएगी। सिग्नल सिस्टम भी और बेहतर किया जाएगा।

दिल्ली हावड़ा रूट पर ट्रेनों की रफ्तार बढ़ाने और ट्रेवेलिंग टाइम कम करने के लिए रेल मंत्रालय ने यह प्रस्ताव पास किया है। यह रेलवे की एनसीआर पिंक बुक में 87 नंबर कालम में दर्ज है।

अमित मालवीय, पीआरओ, एनसीआर

Posted By: Inextlive