- बीते कई दिनों से भूख हड़ताल कर रहे हैं छात्र

- मांगों पर कार्रवाई न होने के चलते नाराज छात्र टॉवर पर चढ़ा

- भूख हड़ताल कर रहे छात्रों की हालत लगातार रही बिगड़

DEHRADUN: डीएवी पीजी कॉलेज में उस वक्त सभी की सांसे थम गई, जब एक छात्र टॉवर पर चढ़ गया। छात्र के टॉवर पर चढ़ते ही कॉलेज में अफरा तफरी का माहौल बन गया। खास बात यह रही कि छात्र पुलिस की मौजूदगी में टॉवर पर चढ़ा, पुलिस कर्मी इस दौरान तमाशबीन बने रहे। हालांकि करीब तीन घंटे तक छात्र को मान मुन्नवल करने पर नीचे उतार दिया गया।

तीन घंटे तक डटा रहा

सोमवार को डीएवी कॉलेज का एक स्टूडेंट शूरवीर सिंह चौहान सोमवार सुबह कॉलेज के करीब ही एक मोबाइल टॉवर पर चढ़ गया। आर्यन संगठन से जुड़ा छात्र करीब तीन घंटे तक टॉवर पर ही डटा रहा। उसने शाम तक मांग पूरी न होने पर आत्मदाह की चेतावनी भी दी। दरअसल छात्र नेता पिछले चार दिन से भूख हड़ताल पर हैं। उनका कहना है कि सरकार और मैनेजमेंट को छात्र हित दिखाई नहीं दे रहा।

कार्रवाई न होने पर रोष

मांगों पर कार्रवाई न होने पर छात्र भूख हड़ताल पर हैं और इनमें कई स्वास्थ्य बिगड़ने के कारण अस्पताल में भर्ती हो गए हैं। पर न कॉलेज मैनेजमेंट को फर्क पड़ा और न सरकार को। कॉलेज के छात्र-छात्राओं से विकास मद में वषरें से शुल्क लिया जा रहा है, लेकिन यह पैसा खर्च नहीं किया जा रहा। ऐसे में खातों की जांच की मांग छात्र कर रहे हैं। टॉवर पर चढ़े छात्र ने कॉलेज को श्रीदेव सुमन यूनिवर्सिटी से संबद्ध करने की भी मांग की। उसका कहना है कि वर्तमान स्थिति में कई छात्र एडमीशन से महरूम हैं। इस ओर भी इंतजाम किए जाएं। करीब दो घंटे बाद मिनिस्टर हायर एजुकेशन डा। धन सिंह रावत से फोन पर बात करने और वरिष्ठ छात्र नेताओं के समझाने के बाद छात्र टॉवर से नीचे उतरा। उधर, संडे देर रात एक छात्र की तबीयत बिगड़ने के कारण उसे कोरोनेशन हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था। छात्रों ने मांग पूरी होने तक हड़ताल जारी रखने की बात कही।

मंत्री ने दिया कार्रवाई का आश्वासन

दोपहर दो बजे भूख हड़ताल पर बैठे छात्रों से मिलने पहुंचे मिनिस्टर हायर एजुकेशन डा। धन सिंह रावत ने जल्द कार्रवाई का आश्वासन दिया। उन्होंने छात्रों को तीन दिन में कॉलेज के खातों का ऑडिट कराए जाने का आश्वासन दिया। बीए, बीएससी और बीकॉम की सीटें बढ़ाने को लेकर भी आश्वासन दिया। इसके अलावा उन्होंने संस्थानों के फंड से जुड़े ममलों में सरकार की ओर से एक प्रतिनिधि रखे जाने की भी बात कही। मौजूदा हालात को देखते हुए डा। रावत ने कॉलेज प्रिंसिपल, कॉलेज स्टूडेंट यूनियन और सेक्रेटरी के साथ आज मीटिंग बुलाई गई है। जिसके बाद मामले में ठोस निर्णय लिया जाएगा।

यह हैं प्रमुख मांगे

- खातों में फीस और अन्य मदों में जमा रकम का हिसाब दिया जाए।

- फ्0 सालों में खातों से हुए हुए लेनदेन की जांच कराई जाए।

- पैसा होने के बाद भी कॉलेज भवनों का रखरखाव नहीं किया जा रहा।

- मरम्मत और रंगाई पुताई पर भी नहीं दिया जा रहा ध्यान।

वर्जन---

सरकार को मामले में हस्तक्षेप करना चाहिए। मैनेजमेंट की मनमानी छात्र नहीं झेलेंगे। मांग पूरी नहीं हुई तो उग्र आंदोलन किया जाएगा।

---- राहुल कुमार, प्रेसीडेंट, स्टूडेंट यूनियन

कॉलेज प्रशासन द्वारा खातों की जांच नहीं कराई जा रही है। इसके पीछे कुछ तो कारण है। हम तब तक नहीं मानेंगे जब तक मांग पूरी नहीं होगी।

---- शुभम सिमल्टी, आंदोलनरत छात्र

आंदोलनों के कारण पढ़ाई भी डिस्टर्ब होती है। कॉलेज और स्टूडेंट यूनियन का यह मैटर न जाने कब खत्म होगा।

----- तृष्णा भारती, स्टूडेंट

कॉलेज मैनेजमेंट को स्टूडेंट्स की फिक्र होनी चाहिए। ऐसे कब तक चलेगी। कोई तो हल निकलना चाहिए।

---- स्वाति कोहली, स्टूडेंट

Posted By: Inextlive