Allahabad : आईआईआईटी का माहौल फ्राइडे को भी गरम रहा. निवर्तमान चीफ विजिलेंस ऑफिसर अनुरिका वैश्य ने प्रोफेसर्स पर अभद्रता करने का आरोप लगाते हुए पुलिस को सूचना देकर सनसनी फैला दी. माहौल को नियंत्रित करने के लिए कार्यवाहक निदेशक प्रो. जीसी नंदी ने चार सदस्यों वाली जांच कमेटी गठित कर दी है. अलग बात है कि निवर्तमान सीवीओ दो बार बुलाने के बाद भी कमेटी के सदस्यों के सामने अपनी बात रखने के लिए नहीं पहुंचीं. उन्हें सैटरडे को अपनी बात रखने का मौका दिया गया है...


हंगामे का कारण
थर्सडे को कार्यवाहक निदेशक का चार्ज लेने के बाद प्रो। जीसी नंदी ने सीवीओ पद पर प्रो। यूएस तिवारी की नियुक्ति कर दी थी। फ्राइडे मॉर्निंग में प्रो। तिवारी इस पद पर पहले से तैनात डॉ। अनुरिका वैश्य से चार्ज लेने पहुंचे थे। सूत्रों का कहना है कि हाइ कोर्ट के आदेश की कापी अभी तक रिसीव न होने के आधार पर डॉ। अनुरिका ने प्रो। नंदी के आदेश को मानने से इंकार कर दिया। उनका कहना था कि चार्ज हस्थानान्तरण की एक प्रक्रिया होती है। पहले उसे पूरी किया जाना चाहिए। इसी को आधार बनाकर उन्होंने चार्ज देने से मना कर दिया। इसी को लेकर बात आगे बढ़ गई तो हंगामा खड़ा हो गया। डॉ। वैश्य ने प्रो। तिवारी और उनके साथ मौके पर मौजूद चीफ प्राक्टर डॉ। विजय चौरसिया पर अभद्रता करने का आरोप लगाते हुए पुलिस कंट्रोल रूम को सूचना दे दी। डॉ। वैश्य का आरोप है कि दोनों ने उनके साथ धक्का-मुक्की भी की। कंट्रोल रूम की सूचना पर धूमनगंज पुलिस के पहुंच जाने से माहौल और गरम हो गया।तत्काल गठित कर दी कमेटी


मामले को गंभीरता से लेते हुए कार्यवाहक निदेशक प्रो। नंदी ने जांच के लिए कमेटी गठित कर दी। उन्होंने पुलिस से कहा कि यह संस्थान का इंटरनल मामला है और जांच के बाद दोषी के खिलाफ लीगल एक्शन लिया जाएगा। कमेटी का चेयरमैन डॉ। सुदीप सान्याल को बनाया गया है। डॉ। विजय चौरसिया, डॉ। विजयश्री तिवारी और डॉ। निधि मिश्रा मेंबर होंगी। असलियत जानने के लिए कमेटी ने दोपहर तीन और शाम पांच बजे डॉ। वैश्य को कॉल किया लेकिन वह नहीं पहुंची। मिनिस्ट्री के दखल के बिना नहीं दे सकते चार्जइस मामले में डॉ। अनुरिका वैश्य ने कहा कि सीवीओ पद पर उनकी नियुक्ति एमएचआरडी ने की थी। इसलिए जब तक वहां से इंस्ट्रक्शन नहीं आ जाते, मैं चार्ज नहीं दे सकती। जब ये बात मैंने प्रो। यूएस तिवारी को समझानी चाही तो उन्होंने मिसबिहेव किया। मेरे सामने ऑफिस की फाइलें उलट-पुलट दीं। मैंने इसकी शिकायत करनी चाही तो सुनवाई नहीं हुई, इसलिए मैंने पुलिस को सूचना दी है। डॉ। वैश्य के मुताबिक उन्होंने प्रो। तिवारी, चीफ प्राक्टर डॉ। चौरसिया और सिक्योरिटी ऑफिसर एलएन शर्मा के खिलाफ पुलिस में रिटेन कम्प्लेंट की है। इसकी सूचना उन्होंने राज्य महिला आयोग तक पहुंचा देने की भी बात कही है।उन्होंने सुबह बुलाया था

अपना पक्ष रखते हुए चीफ प्रॉक्टर डॉ। चौरसिया ने बताया कि कार्यवाहक निदेशक ने थसर्ड इवीनिंग छह बजे तक चार्ज देने के निर्देश दिए थे। डॉ। वैश्य ने फ्राइडे मॉर्निंग चार्ज देने की बात कहकर हमें बुलाया था। हम उनके चैंबर पहुंचे तो वह कार्यवाहक निदेशक से मिलने की बात कहकर चली गईं। उन्होंने, चार्ज नहीं दिया और हम बाहर निकले तो उन्होंने हम पर मिसबिहेव करने का गंभीर आरोप लगा दिया। वह अननेसेसरी न्यूसेंस क्रिएट कर रही हैं। डॉ। चौरसिया के मुताबिक उन्होंने महिला ऑफिसर के साथ कोई मिसबिहेव नहीं किया है। सबको दे दी है सूचनाकार्यवाहक निदेशक प्रो। नंदी के मुताबिक दो बार कॉल करने के बावजूद डॉ। वैश्य अपना पक्ष रखने के लिए कमेटी के सामने नहीं पहुंचीं। सैटरडे को उन्होंने फिर से कॉल किया गया है। इसके बाद ही डिसीजन लिया जाएगा। संस्थान ने कमेटी के गठन की सूचना पुलिस ऑफिसर्स को भी दे दी है और यह आश्वासन दिया है कि आईआईआईटी प्रशासन अपने लेवल पर दोषियों पर कार्रवाई करेगा। यह भी बताया जा रहा है कि थर्सडे शाम  एमएचआरडी ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के लिए एसएसपी को कैंपस में लॉ एंड ऑर्डर बनाए रखने का निर्देश दिया था। फ्राइडे को पुलिस पूरे दिन कैंपस के बाहर मौजूद रही। अचानक बदला संस्थान का माहौल
आईआईआईटी में तनाव का माहौल थर्सडे से बना हुआ है। हाईकोर्ट द्वारा निवर्तमान डायरेक्टर प्रो। एमडी तिवारी की याचिका खारिज किए जाने के बाद एमएचआरडी के निर्देश पर डिप्टी रजिस्ट्रार ने प्रो। जीसी नंदी को डायरेक्टर का चार्ज हैंडओवर कर दिया था। चार्ज लेते ही प्रो। नंदी ने कई परिवर्तन किए थे। इसमें नए सीवीओ की नियुक्ति भी शामिल है।डॉ। वैश्य की ओर से कोई भी रिटेन कम्प्लेंट नहीं आई है। सौ नंबर पर सूचना मिलने पर फोर्स संस्थान गई थी। रिटेन कम्प्लेंट आने पर ही पुलिस कोई कार्रवाई करेगी। -इंस्पेक्टर धूमनगंज

Posted By: Inextlive