-विधानसभा में प्रवेश के दौरान उप नेता सदन करन माहरा को रोके जाने पर मचा रहा दिन भर बवाल

-दिनभर चले कांग्रेस के विरोध प्रदर्शन के बीच आखिरकार माफी मांगने पर शांत हुआ मामला

देहरादून, अल्मोड़ा रानीखेत से कांग्रेस के विधायक व उप नेता प्रतिपक्ष करण माहरा के साथ सुरक्षा कर्मियों की बदसलूकी के आरोप लगाते हुए कांग्रेस ने सदन से लेकर सड़क तक विरोध जताया। मामला सदन में भी गूंजा और प्रश्नकाल के शुरू में पहुंची नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश व विधायक गोविंद सिंह कुंजवाल ने भी सदन का बॉयकाट कर दिया। आखिर में अपराह्न करीब साढ़े तीन बजे आरोपी इंसपेक्टर के माफी मांगने के उपरांत कांग्रेस का धरना समाप्त हुआ।

मुख्य गेट पर धरने पर बैठ गए विधायक

शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन सुबह करीब पौने 11 बजे सत्र के लिए विधायक विधानसभा में प्रवेश कर रहे थे। आरोप है कि इसी बीच उपनेता प्रतिपक्ष करण माहरा को विधानसभा परिसर में प्रवेश के दौरान पुलिस कर्मियों द्वारा बदसलूकी की गई। उन्हें सुरक्षा कर्मियों नीचे उतरने और उनके साथ विधानसभा में प्रवेश करने वाले दो अन्य साथियों को भी वाहन से उतरने के लिए कहा गया है। इसके बाद उप नेता प्रतिपक्ष अकेले विधानसभा के मुख्य गेट पर धरने पर बैठ गए। इसी दौरान उनके साथ एक-एक करके कांग्रेस के सभी विधायक भी धरने पर बैठ गए। उसके बाद कांग्रेस के तमाम नेता भी पहुंच गए।

सदन का वॉकआउट किया

प्रश्नकाल के दौरान नेता प्रतिपक्ष डा। इंदिरा हृदयेश और पूर्व स्पीकर व विधायक गोविंद सिंह कुंजवाल अकेले सदन में मौजूद थे। उनके पास सूचना पहुंचते ही नेता प्रतिपक्ष व विधायक गोविंद सिंह कुंजवाल ने पीठ के सामने विशेषाधिकार का मामला उठाया। इसके बाद नेता प्रतिपक्ष व विधायक कुंजवाल ने सदन का वॉकआउट कर दिया और वे भी मुख्य गेट पर उप नेता सदन के साथ धरने पर बैठ गए। इस मामले में पहले पुलिस व सुरक्षाकर्मियों का कहना था कि विधायक नहीं, बल्कि उनके साथ आए लोगों के पास मांगे गए थे। मामले को लेकर दिन भर मान-मनौवल का दौर जारी रहा। उप नेता प्रतिपक्ष और विधायक करण महारा ने आरोप लगाए कि सुबह जब वह विधानसभा गेट पर पहुंचे तब पुलिस कर्मियों ने उनका वाहन रोका, जबकि वे सरकारी वाहन में ही प्रवेश कर रहे थे। उन्होंने इस दौरान अपना पास भी दिखाया तो उनसे वाहन का पास मांगा गया। यही नहीं उनसे वाहन से नीचे उतरने को कहते हुए उनसे बदसूलकी की गई।

अभद्र भाषा के भी आरोप लगाए

आरोप हैं कि जब वे इसका विरोध करने लगे तो पुलिसकर्मियों ने उसके बाद उनके साथ अभद्र भाषा का प्रयोग किया। इस दौरान शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक ने भी उन्हें मनाने का प्रयास किया, लेकिन वे नहीं माने। इस बीच सत्र बिना विपक्षी विधायकों के चलता रहा। मुख्य गेट पर कांग्रेसी विधायक आरोपित पुलिस कर्मी के निलंबन की मांग को लेकर अड़े रहे। इस बीच सदन की कार्यवाही शुरु हो चुकी थी। मामला बढ़ता देख विधानसभा अध्यक्ष ने पहले मार्शल, फिर विधानसभा सचिव जगदीश चंद्र और फिर संसदीय कार्यमंत्री प्रकाश पंत को कांग्रेसी विधायकों के पास भेजा। इसी दौरान संसदीय कार्यमंत्री ने कांग्रेसी विधायकों को आरोपित पुलिसकर्मी को लाइन हाजिर कर मामले की जांच के बाद कार्रवाई का आश्वासन दिया। इस बाद भी कांग्रेसी विधायक आरोपी के सस्पेंड करने पर अड़े रहे। दोपहर बाद स्पीकर ने नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश, पूर्व विधानसभा अध्यक्ष व विधायक गोविंद सिंह कुंजवाल और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष व विधायक प्रीतम सिंह को वार्ता के लिए बुलाया। सीसी फुटेज खंगाली गई। फुटेज सीएम कार्यालय भेजी गई हैं।

माफी मांगने पर शांत हुआ मामला

आखिर में देर शाम आईजी गढ़वाल अजय रौतेला और एसएसपी निवेदिता कुकरेती आरोपित पुलिस इंस्पेक्टर महेश लखेड़ा को लेकर कांग्रेसी विधायकों से मिले। इंस्पेक्टर द्वारा माफी मांगने के बाद मामला शांत हुआ। इधर, उप नेता सदन करन माहरा ने मामले पर सत्ताधारी विधायकों व स्पीकर के पॉजिटिव रिस्पांस पर उनका आभार जताया है, लेकिन यह भी कहा है कि जिन पुलिस कार्मिकों को विधायकों तक की जानकारी नहीं है, उन्हें सत्र के दौरान विधानसभा ड्यूटी पर क्यों भेजा जाता है।

धरना देने वाले विधायक

धरना देने वाले विधायकों में हरीश धामी, ममता राकेश, राजकुमार, आदेश चौहान, मनोज रावत व फुरकान अहमद के अलावा कांग्रेस प्रदेश उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना, महानगर अध्यक्ष लालचंद शर्मा, प्रदेश प्रवक्ता गरिमा दसौनी आदि शामिल रहे।

Posted By: Inextlive