11 दिन बाद भी हाई कोर्ट के आदेश को क्रियान्वित नहीं कर पाई सरकार

HALDWANI: मंडी समितियों को पूर्ववत बहाल करने के लिए हाई कोर्ट के आदेश देने के बाद भी सरकार इस मामले में कोई कदम नहीं उठा सकी है। विस चुनाव में बंपर जीत के बाद भाजपा ने तमाम निकाय, समितियों, आयोग एवं निगमों में आसीन कांग्रेसियों को बाहर का रास्ता दिखा दिया। इसमें राज्य सहकारी बैंक के चुनाव में साफ नजर भी आ गया था कि चुनाव से ठीक पहले दिन चार सदस्य कांग्रेस छोड़ भाजपा में शामिल हो गए। इधर, मंडी समितियों के लिए भी सत्ता ने यही रास्ता अख्तियार किया। प्रदेश की क्8 मंडी समितियों में से कांग्रेस पृष्ठभूमि वाले कुछ अध्यक्ष व उपाध्यक्षों ने स्वत: ही इस्तीफा दे दिया तो अधिकांश को भंग कर भाजपा ने अपने चहेतों को कुर्सी सौंप दी। समिति को भंग करने के शासनादेश के खिलाफ मंडी समिति हल्द्वानी के उपाध्यक्ष सलीम अंसारी सहित क्0 अन्य मंडियों के पदाधिकारी भी हाई कोर्ट पहुंच गए। इस पर ख्ख् जून को आदेश पारित कर कोर्ट ने सभी भंग समितियों को बहाल करने को कहा। समितियों की ओर से तर्क दिया गया कि किसी तरह की अनियमितता का दोषी पाए जाने या दायित्व का अनुपालन करने में असमर्थ रहने की स्थिति में ही समिति भंग की जा सकती है। मंडी निदेशक की ओर से कोर्ट में प्रस्तुत जवाब में कहा गया कि किसी तरह की अनियमितता नहीं मिली है। बावजूद इसके समितियों को नियमविरुद्ध तरीके से भंग कर दिया गया।

Posted By: Inextlive