नियमित भर्तियां न होने से क्लासेस पर पड़ रहा था असर, शासन ने नए सत्र के लिए लिया निर्णय

असिस्टेंट प्रोफेसर, एसोसिएट प्रोफेसर और प्रोफेसर के लिए बढ़ाया गया मानदेय

ALLAHABAD: सूबे के सहायता प्राप्त अशासकीय स्नातक (यूजी) एवं स्नातकोत्तर (पीजी) महाविद्यालयों में शिक्षकों के भारी संख्या में रिक्त पदों का व्यापक असर दिखना शुरू हो गया है। खाली पदों के सापेक्ष नियमित भर्तियां न होने से क्लासेस पर असर तो पहले से ही दिख रहा था। नए शैक्षिक सत्र में भी क्लासेस पर इसका दुष्प्रभाव न हो, इसके लिए प्रदेश सरकार ने अशासकीय महाविद्यालयों में रिटायर्ड टीचर से अध्यापन कार्य कराने का मन बनाया है।

शासनादेश को किया गया संशोधित

इसके लिए संशोधित शासनादेश जारी किया गया है। रिटायर्ड टीचर्स के मानदेय में भी बढ़ोत्तरी की गई है। शासन स्तर से उच्च शिक्षा निदेशालय इलाहाबाद को भेजे गए शासनादेश में मानदेय के आधार पर सेवानिवृत्त शिक्षकों से अध्यापन कार्य लिए जाने की बात कही गई है। इसमें कहा गया है कि असिस्टेंट प्रोफेसर, एसोसिएट प्रोफेसर एवं प्रोफेसर के पदों पर इनसे कार्य लिया जा सकता है।

शासनादेश की प्रति वेबसाइट पर लगाएं

नए शासनादेश में कहा गया है कि पूर्व में 25 नवम्बर 2013 के शासनादेश को इस सीमा तक संशोधित समझा जाए। सहायक निदेशक उच्च शिक्षा संजय कुमार सिंह ने तकनीकी सहायक उच्च शिक्षा को इस आशय की प्रति वेबसाइट पर भी प्रदर्शित करने को कहा है, जिससे सभी को इसकी जानकारी हो सके। इसकी प्रति क्षेत्रीय उच्च शिक्षा अधिकारियों समेत सभी कॉलेजेस को भी भेजी गई है।

किसको कितना मिलेगा मानदेय

400

रुपए प्रति व्याख्यान की दर से 20 हजार रुपए प्रतिमाह असिस्टेंट प्रोफेसर को पहले अधिकतम मिलता था

500

रुपये प्रति व्याख्यान की दर से 25 हजार प्रतिमाह अधिकतम दिया जाएगा अब असिस्टेंट प्रोफेसर को

500

प्रति व्याख्यान की दर से 22 हजार प्रतिमाह अधिकतम दिया जाता था एसोसिएट प्रोफेसर को

600

प्रति व्याख्यान की दर से अब 30 हजार प्रतिमाह अधिकतम दिया जाएगा एसोसिएट प्रोफेसर को

600

प्रतिमाह की दर से 25 हजार प्रतिमाह अधिकतम दिया जाता था प्रोफेसर को

700

35

हजार प्रतिमाह अधिकतम देने का निर्णय लिया गया है प्रोफसर को

Posted By: Inextlive