ताज में अब रात को भी नहीं बचेंगे संदिग्ध, हाईटेक होगी तीसरी आंख
55 हाईटेक केम्रे लगाए जाएंगे ताज की सुरक्षा में
-रात में भी क्लियर पिक्चर कैच कर सकेंगे हाईटेक कैमरे आगरा. ताज का सुरक्षा तंत्र मजबूत किया जाएगा. इसके लिए ताज में 55 हाईटेक कैमरे लगाए जाएंगे. ये ऐसे कैमरे होंगे, जो रात के समय भी स्पष्ट रूप से तस्वीर कैच कर सकेंगे. ऐसे में कोई भी संदिग्ध ताज में प्रवेश नहीं कर पाएगा. ये काम ताज की सीसीटीवी सर्विलांस कंपनी हिकविजन लगाएगी. इसके लिए कंपनी ने एएसआई से करार किया है. ताज सुरक्षा से जुड़े अफसरों के अनुसार बहुत ही जल्द पुराने कैमरे हटाकर नए कैमरे लगा दिए जाएंगे. खराब कैमरों की ओर नहीं दिया जाता है ध्यानगत वर्ष ताज के यलो जोन में 140 कैमरे लगाए गए थे. इनमें से ज्यादातर खराब हैं. वहीं रेड जोन में 18 सीसीवीटी कैमरे हैं, इनमें से भी चार-पांच कैमरे काम नहीं कर रहे हैं. ताज सुरक्षा से जुड़े अफसरों की मानें तो इसके लिए लगातार पत्राचार किया जाता है. बता दें कि ताज पर औसत आमदनी 150 करोड़ होती है. इसमें एडीए खूब पथकर के रूप में मुनाफा वसूलता है. ताज की सुरक्षा और मेंटीनेंस पर 1.5 करोड़ रुपये प्रति वर्ष खर्च किए जाते हैं.
ताज सुरक्षा से जुड़े महत्वपूर्ण बिन्दु- ताज प्रोजेक्ट के तहत 140 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे.
- ये कैमरे राजकीय निर्माण निगम द्वारा लगाए गए थे. - इनकी देखभाल और मेंटीनेंस की जिम्मेदारी एक एजेंसी को दी गई थी. - एजेंसी का कॉन्टैक्ट समाप्त होने पर ज्यादातर कैमरे खराब हो गए. - मौजूदा समय में इनकी देखभाल का काम एडीए के हिस्से में हैं. ये की गई थीं संस्तुति ताजमहल चाहरदीवारी के पूर्वी और पश्चिमी गेट पर सीआईएसएफ के वाहन खड़े होते हैं. पार्किंग की व्यवस्था होनी थी. - ताजमहल के पीछे दीवार की तरफ सीआईएसएफ द्वारा बुलेट प्रूफिंग कराई जानी थी. - फ्लाइंग आब्जेक्ट ड्रोन अटैक से बचने के लिए आरएफ जैमर लगाए जाने के निर्देश दिए गए थे. - यलो जोन में सीसीटीवी कैमरों को क्रियाशील रखने के लिए एनुअल मेंटीनेंस कॉनट्रैक्ट की व्यवस्था नहीं. - ताज की सभी विन्डो परिसर में पब्लिक एड्रेस सिस्टम लगाए जाएं. -यमुना नदी के किनारे खुले में ड्यूटी करने वाले सुरक्षा कर्मियों के लिए फैबीक्रेटेड हट व अस्थाई टॉयलेट बनाए जाने के निर्देश थे. -रेड जोन में 55 कैमरों की आवश्यकता बताई गई, जिसका अनुपालन नहीं हो सका है.