- एक्स सीएम जीतन राम मांझी सोशल नेटवर्किग का खूब ले रहे सहारा

- पिछले दिनों फेसबुक फ्रेंड्स से मिले थे

- अब सामने आया मांझी की वेबसाइट और मोबाइल अप्लीकेशन

PATNA : एक्स सीएम जीतन राम मांझी के दोस्त नंबर वन थे नीतीश कुमार। अब वही नीतीश कुमार के दुश्मन नंबर वन है। लालू प्रसाद और नीतीश कुमार के बारे में भी आप उलट कर ऐसा कह सकते हैं। हाल ही में जीतन राम मांझी ने अपनी राजनीतिक ताकत का अहसास कराने के लिए गांधी मैदान में गरीब रैली की थी। रैली में निचले तबके के लोग जिस बड़ी संख्या में आए उससे राजनीतिक विश्लेषक भी आश्चर्य में पड़ गए लेकिन नई बात ये है कि जीतन राम मांझी सोशल मीडिया पर भी खूब एक्टिव हो गए हैं। जब वे सीएम थे तब कहा करते थे कि वे बातचीत में काफी मोटे हैं इसलिए दिल की बात बयानों में आ जाती है। लेकिन मांझी ने हाइटेक होने में कइयों को पीछे छोड़ दिया है। हाल ही में उन्होंने अपने फेसबुक फ्रेंड्स से मुलाकात की थी और सेल्फी-सेल्फी भी हुआ था। उनके फेसबुक पर लाइक करने वालों की संख्या बड़ी है।

वेबसाइट पर कई बातें

मांझी के वेबसाइट पर उनके व्यू तो हैं ही उनकी कई तस्वीरें भी हैं। रैली से लेकर बाकी कई आयोजनों की। कई अखबारों की पेपर कटिंग भी इसमें डाली गई है। वेबसाइट में मांझी को विकास और समरसता का नायक कहा गया है। सबसे बड़ी बात ये कि मांझी के वेबसाइट ((http://jitanrammanjhi.co.in/)पर ये भी लिखा है कि सुपारी किलर हमारे परिजनों पर नजर रख रहे हैं।

जो मैसेज लिखा है मांझी की वेबसाइट पर

लालू सीएम के उम्मीदवार होते तो उनके वोटर्स जनता परिवार को वोट करते, पर नीतीश से जनता उब गयी। नीतीश कुर्सी के लिए कुछ भी कर सकते हैं। जनता संवेदनशील और जागरूक है, अब झांसे में नहीं आएगी। नेपुरा में बिजली बिल के बहाने गरीब परिवार एवं महिलाओं के साथ अमानवीय व्यवहार किया गया। ये सरकार जनता पर कहर बरसा रही है। जंगलराज से बदतर स्थिति है। बिहार में तत्काल राष्ट्रपति शासन लगाया जाना चाहिए। भागलपुर में किसान आत्महत्या को मजबूर हैं। धान के क्रय में करोड़ों का घोटाला घोटाला हुआ। ये सरकार कमीशनखोरों और दलालों के लिए है। एमएलए जिनसे नीतीश मिलते तक नहीं थे, वे भी नीतीश का साथ दे रहे हैं, ये बड़े आश्चर्य की बात है। विकास मित्र को हमने 20 हजार महीना देने का सोचा था, सरकार रहती तो दे भी देते, पर उन्हें मानदेय में कुछ पैसे बढ़ा कर ठगने का काम किया जा रहा है। उनमें ताकत है तो विकास मित्र और टोला सेवक को नियमित करें। नीतीश को लोकसभा चुनाव में महज 15 फीसदी वोट मिला था, जिसमें 14 फीसदी वोट महादलितों का था, अब ये वोटर्स हमारे साथ हैं। हमारे गरीब लोग इसका बदला आगामी चुनाव में लेंगे। मेरे आवास 12 नंबर को 9 महीने में भी तैयार नहीं कराया गया, जबकि नीतीश कुमार पूर्व मुख्यमंत्री आवास एक महीने में बनवा लिया था। हमें पता चला है कि सुपारी किलर हमारे परिजनों पर नजर रख रहे हैं। हम चुनाव तक किसी से तालमेल नहीं करेंगे और विलय होने के बाद हम जदयू और सिंबल पर अपने दावे के लिए चुनाव आयोग और कोर्ट में अर्जी देंगे। लालू जी, रघुवंश जी की तरह पप्पू यादव जी भी हमारी आलोचना नहीं करते बल्कि हमारे कामों को सराहते हैं।

मांझी का मोबाइल एप्लीकेशन भी

रविवार की शाम तक 100 लोग डाउनलोड कर चुके हैं। गूगल प्ले स्टोर पर जाकर आप जीतन राम मांझी की वेबसाइट के मोबाइल अप्लीकेशन ((JRM ) को भी डाउनलोन कर सकते हैं।

Posted By: Inextlive