RANCHI: राजधानी में पहली बार एक जनवरी से लेकर सात जनवरी तक काटे गए ट्रैफिक ई-चालान सिस्टम के तहत सोमवार को लगभग 50 हजार 425 लोगों ने ट्रैफिक सिग्नल तोड़े। पहले ही दिन कैमरे ने 40,665 वाहनों को रेड सिग्नल तोड़ते पकड़ा था। इससे पता चलता है कि लोग अब जानबूझकर सिग्नल तोड़ रहे हैं। जबकि इस अभियान को जारी हुए सात दिन बीत चुके हैं। सोमवार की शाम सात बजे तक कैमरे ने 13 चौक-चौराहों पर कुल छह लाख 55 हजार 302 नंबर प्लेट की पहचान (स्कैन) की।

लोगों को जागरूक करते रहे जवान

राजधानी के सभी प्रमुख चौक-चौराहों पर ट्रैफिक के जवान लोगों को जागरूक करते दिखे। जो लोग ट्रैफिक नियम तोड़ रहे थे, जवान उन्हें बता रहे थे कि सब कुछ कैमरे में कैद हो रहा है। कंट्रोल रूम में वाहनों का नंबर निकालकर चालान तैयार किया जा रहा है। अब ट्रैफिक पुलिस की ओर से चौक-चौराहों पर मैन्युअली चालान नहीं काटा जा रहा है।

एक वीक का डेटा कलेक्ट

राजधानी की ट्रैफिक व्यवस्था में आठ जनवरी से और सुधार आने की उम्मीद है। विभिन्न चौकों पर लगे एएनपीआर और आरएलवीडी कैमरों द्वारा एक सप्ताह तक के वाहनों के बोझ का डाटा इकट्ठा किया जा रहा है। जिस चौक पर वाहनों को बोझ अधिक होगा, वहां प्रोग्राम इंटरफेस डिवाइस लगाई जाएगी। इसके बाद जिस रूट पर वाहनों का दबाव कम या अधिक होगा, उस हिसाब से प्रोग्राम इंटरफेस डिवाइस सिग्नल की टाइमिंग कम या ज्यादा होगी। इससे जाम की समस्या से काफी हद तक निजात मिल जाएगी। कोट

ई-चालान सिस्टम लागू होने के बाद ट्रैफिक सिग्नल की टाइमिंग सही नहीं होने के कारण शहर की विभिन्न सड़कों पर जाम लग रहा है। रेड लाइट की टाइमिंग ठीक कराने से लोगों को काफी हद तक राहत मिली है। रेड लाइट के कारण जाम नहीं लग रहा है, बल्कि रेड लाइट में जो वाहन रुक रहे हैं उनके सिग्नल तक आते-आते फिर से रेड हो जा रहा है। इससे जाम लग रहे हैं। कई जगहों पर प्रोग्राम इंटरफेस डिवाइस लगाने का काम किया जा रहा है।

अजीत पीटर डुंगडुंग, ट्रैफिक एसपी, रांची

Posted By: Inextlive