- बीआरओ गंगोत्री हाईवे को खोलने में जुटा, संडे तक हाईवे के खुलने की उम्मीद

- भारी मलबा आने से बद्रीनाथ हाईवे नंदप्रयाग परथाडीप में 10 मीटर बहा, नया रास्ता बनाकर शुरू हुई आवाजाही

- चमोली में 19 संपर्क मार्ग बंद, जनजीवन अस्त-व्यस्त

DEHRADUN: पहाड़ों में बारिश से लोगों की दुश्वारियां बरकरार है। कई सड़कें बंद होने से लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। उत्तरकाशी में हर्षिल के निकट तिलगाड़ के उफान में आने से आर्मी कैंप और हर्षिल हेलीपैड के बीच करीब 20 मीटर हाईवे बह गया, जबकि 100 मीटर क्षेत्र में हाईवे पर पूरी तरह से मलबा फैल गया। गंगोत्री हाईवे के बंद होने से गंगोत्री और धराली में 150 टूरिस्ट और उनके वाहन फंसे हुए हैं। बीआरओ हाईवे को खोलने में जुटा है। संडे तक हाईवे के खुलने की उम्मीद जताई जा रही है। उधर, चमोली में बारिश से बद्रीनाथ हाईवे पर नंदप्रयाग परथाडीप भूस्खलन जोन फिर सक्रिय हो गया है। मलबा लगातार सड़क पर गिर रहा है। यहां भी बद्रीनाथ हाईवे दस मीटर बहने से नया रास्ता बनाया गया। 19 संपर्क मार्ग बंद होने से लोगों का मुख्यालय से संपर्क कट गया है। रुद्रप्रयाग में भी मलबा आने से गौरीकुंड हाईवे डोलिया देवी व जामू में रहा चार घंटे बंद रहा।

हाईवे पर फैला मलबा, आवाजाही अवरूद्ध

उत्तरकाशी जिले में फ्राइडे रात हुई भारी बारिश से हर्षिल के पास तिलगाड़ में भारी उफान आने से हाईवे का 20 मीटर हिस्सा पूरी तरह से बह गया। जिससे गंगोत्री धाम सहित भारत-चीन सीमा का संपर्क कट गया। हाईवे के बहने के कारण धराली व गंगोत्री में 150 यात्री फंसे हुए हैं। वहीं सैटरडे को जो यात्री गंगोत्री धाम के लिए रवाना हुए थे, वे हर्षिल से ही लौट गए। तिलगाड़ में आए उफान के कारण गंगोत्री हाईवे पर करीब 100 मीटर के क्षेत्र में भारी मलबा फैल गया है। हाईवे को सुचारु बनाने के लिए बीआरओ के अधिकारी सहित 30 कर्मी भी वहां मौजूद हैं, लेकिन हर्षिल क्षेत्र में लगातार हो रही बारिश के कारण कार्य में खलल पैदा हो रहा है। तिलगाड़ के उफान से आर्मी कैंप और हेलीपैड को भी खतरा बना हुआ है। जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी देवेंद्र पटवाल ने बताया कि जो पर्यटक व यात्री वहां फंसे हुए हैं उन्हें निकाला जा रहा है। साथ ही हाईवे को सुचारु करने में बीआरओ की टीम जुटी हुई है। संडे तक हाईवे खोल दिया जाएगा।

10 मीटर बहा बद्रीनाथ हाईवे

चमोली जिले में गौचर से बद्रीनाथ तक जगह-जगह ऑलवेदर रोड चौड़ी की गई है, लेकिन स्थाई ट्रीटमेंट न होने से जगह-जगह भूस्खलन हो रहा है। कर्णप्रयाग से पीपलकोटी के बीच 50 से अधिक भूस्खलन जोन उभर आए हैं। जिले में 19 संपर्क मार्ग बाधित हैं। उधर, जोशीमठ में फ्राइडे को मध्य रात्रि को भारी बारिश के चलते पैनी और सेलंग के बीच खनोटी नाला उफान पर आ गया। नाले में पत्थरों के टकराने की आवाज सुनकर रात 12 बजे करीब अपनी दुकानों में रह रहे लोगों ने भागकर जान बचाई। यहां पर तीन दूकानें बह गई जबकि दो दुकानें मलबे के ढेर में दब गई हैं। भारी मलबा आने के चलते बद्रीनाथ हाईवे 10 मीटर बह गया। इस स्थान पर एनएच ने पहाड़ी को काटकर सड़क बनाने के बाद वाहनों की आवाजाही कराई गई। खनोटी नाले में उफान के चलते दीपक बिष्ट निवासी पैनी, अरविन्द बिष्ट पैनी, सुभाष सिंह निवासी सेलंग की दुकानें बहने से लाखों का नुकसान हो गया है। जबकि कल्पेश्वर भंडारी, भरत सिंह बिष्ट की दुकानें मलबे के ढेर में दब गई है। कई घरों को भूस्खलन से खतरा बना हुआ है। बारिश के चलते बद्रीनाथ हाईवे पर लगातार मलबा पत्थर आने से यात्रा प्रभावित हो रही है। वहीं चमोली में 19 संपर्क मार्ग बाधित हैं। संपर्क मार्गों के बाधित होने से ग्रामीण क्षेत्रों में जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। बारिश के दौरान प्रशासन के संसाधन कम पड़ रहे हैं।

पहाड़ी से गिर रहे बोल्डर

रुद्रप्रयाग जिले में सैटरडे को सुबह छह बजे फाटा, जामू व डोलिया देवी के पास पहाड़ी से मलबा व बोल्डर आने के कारण हाईवे पर आवाजाही बंद हो गई। इसके बाद लोनिवि एनएच की मशीनों ने मार्ग से मलबा हटाने का कार्य शुरू किया। चार घंटे की मशक्कत के बाद एनएच मार्ग से मलबा हटाने में सफल रहा। सुबह 10 बजे तक दोनों स्थानों पर वाहनों के लिए यातायात सुचारू हो सका।

Posted By: Inextlive