फाइनेंस मिनिस्ट्री पेंशन फंड इवेस्टमेंट प्लान के नार्मस में कुछ मॉडिफिकेशन करने के बारे में सोच रही है जिससे इस पैसे को नेशनल हाइवे के निर्माण के लिए इस्तेमाल किया जा सके.


फाइनेंस मिनिस्ट्री ने पेंशन और इन्वेस्टमेंट से जुड़े नियमों में कुछ चेंजेस किए हैं, जिससे नेशनल हाइवेज अथॉरिटी ऑफ इंडिया NHAI को इम्प्लॉइज प्रविडेंट फंड ऑर्गनाइजेशन EPFO से लोन लेने की परमीशन मिल सकती है. इम्प्लॉइज प्रविडेंट फंड देश का सबसे बड़ा स्टेट रन पेन्शन फंड है और इससे मिले पैसे से हाइवे अथॉरिटी की कई प्राब्लम्स साल्व हो सकती हैं.  नार्मस में चेंज के बाद अप्रैल,2015 से पेंशन फंड को NHAI जैसी अथॉरिटी के बॉन्ड में इन्वे्स्ट किया जा सकता है. पहले के रूल्स के हिसाब से पेंशन फंड को पीएसयू के बॉन्ड में ही इन्वेस्ट किया जा सकता था. बदले हुए नियमों के बाद से यह तस्वीर पूरी तरह बदल जाएगी. एक अंग्रेजी अखबार ने इस बारे में अपनी रिपोर्ट मे बताया है कि नए नियम इस हिसाब से बने हैं कि नेशनल हाईवे की फंडिंग से जुड़ी दिक्कतों को डील किया जा सके.
असल में सेंटर की एनडीए सरकार बेसिक स्ट्रक्चर में रिफार्म पर पूरा फोकस कर रही है. नई रोड्स बनाने और पुरानी रोड्स की मेंटीनेंस पर सरकार का पूरा जोर है. प्लान के अकॉर्डिंग आने वाले 4 से 5 सालों तक हर दिन करीब 30 KM. हाइवे का बनाने की प्लानिंग की जा रही है. इस प्रोजेक्टन पर करीब 1.8 लाख करोड़ रुपये के खर्च का अनुमान है. पहले नेशनल हाईवे मिनिस्ट्री को प्राइवेट सेक्टर्स से इन्वेस्टर नहीं मिल पा रहे थे, जिसके चलते ही मिनिस्ट्री ने इन्वेस्टमेंट नए आप्शन तलाशने शुरू किए थे और अब प्राविडेंट फंड के नियमों को बदल कर इस समस्या से निजात मिल गयी है.

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Posted By: Molly Seth