केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह एक बार फिर विवादित बयान के चलते सुर्खियों में हैं। गिरिराज सिंह ने कहा है कि अगर भारत अपनी जनसंख्या नीति में बदलाव कर सभी धर्मों के लिए दो बच्चों की नीति लागू नहीं करता है तो बेटियां सुरक्षित नहीं रहेंगी। वह बिहार के बगहा में एक सांस्कृतिक यात्रा के कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। गिरिराज इससे पहले भी कई बार विवादित बयान दे चुके हैं।


नियम न मानने वालों पर हो कानूनी कार्रवाईकेंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा कि मैं यही कह रहा हूं कि देश के अंदर एक ऐसा कानून बने जिसमें हिन्दू-मुसलमान हों या सिख-ईसाई सभी धमों के लोगों को सिर्फ दो बच्चे हों। अगर इस भारत को विकसित राष्ट्र बनाना है तो बिना जनसंख्या नियंत्रण के काम यह कभी भी संभव नहीं हो सकेगा। संख्या पर नियंत्रण के लिए बहुत जरूरी है कि जो दो बच्चों का कानून न मानें उनके ऊपर कड़ी कार्रवाई हो। उनके वोटिंग अधिकार को खत्म कर दिया जाए। ऐसे लोगों पर कानूनी और आर्थिक कार्रवाई होनी चाहिए।कांग्रेस ने कहा बेतुकी है आबादी संतुलन की बात
गिरिराज सिंह कहा कि पाकिस्तान की तरह हमारी बेटियां भी स्कूल नहीं जाएंगी वह घरों में दुबकी रहेंगी। हम घर से निकलने नहीं देंगे कि हमारी बेटियां वहीं सुरक्षित हैं। मैं यही कहना चाह रहा हूं कि देश के अंदर एक कानून बने। कांग्रेस के नेता पीएल पुनिया ने कहा कि उनका हमेशा प्रयास रहता है कि धर्म के आधार पर देश को बांटा जाए। आरएसएस भी इस तरह की मांग उठा चुका है कि हिन्दुस्तान में आबादी का असंतुलन हो रहा है। उस असंतुलन को दूर करने के लिए सरकार को प्रयास करना चाहिए। ये बेतुके बयान हैं इसका कोई महत्व नहीं है।हिंदुओं की गिरती आबादी है चिंता का विषयजनसंख्या पर दिए गए इस बयान के सुर्खियों में आने के बाद गिरिराज सिंह ने सफाई दी है कि भारत में हिन्दुओं की गिरती हुआ जनसंख्या चिंता का विषय है। देश में जनसंख्या नियंत्रण के लिए एक कानून बनाना चाहिए। हर धर्म के लोगों पर लागू होना चाहिए। देश के विकास और सामाजिक संतुलन के लिए यह जरूरी है। नहीं तो पाकिस्तान में जो हिन्दुओं की हालत हुई है उससे सब परिचित हैं।

Posted By: Prabha Punj Mishra