कुछ दशक पहले तक देश के प्रधानमंत्री से लेकर आम आदमी की पसंदीदा कार मानी जाने वाली एंबेसेडर के ब्रैंड को फ्रेंच कार कंपनी पूजो Pegeot ने खरीद लिया है। फ्रैंच कंपनी और सीके बिड़ला ग्रुप के मालिकाना हक वाली हिंदुस्तान मोटर्स के बीच यह सौदा करीब 80 करोड़ रुपए में हुआ है। साल 2013 से इस कार का उत्पादन बंद कर दिया गया था। तो आइए जानें कैसे और कहां से शुरु हुआ था एंबेसेडर कार का सफर....


एंबेसडर पहली ऐसी कार थी जिसका निर्माण भारत में किया गया। उस वक्त भारत में इसे स्टेटस सिंबल माना जाता था। यह एक ऐसी कार थी जिसे आम आदमी से लेकर बड़े-बड़े राजनेता इस्तेमाल करते थे। सफेद एंबेसडर पर लाल बत्ती वाली गाड़ी ही यूज की जाती थी। ब्रिटेन से प्रेरणा लेने के बावजूद एंबेसेडर को हमेशा ही इंडियन कार कहा जाता रहा है। इसे 'किंग ऑफ इंडियन रोड' का दर्जा भी मिला। इसके कई मॉडल और वर्जन आए। इनमें मार्क 1, मार्क 2, मार्क 3, मार्क 4, एंबेसेडर नोवा, एंबेसेडर 1800 आईएसजेड प्रमुख हैं। ये सभी 1992 के पहले लॉन्च किए गए।Business News inextlive from Business News Desk

Posted By: Abhishek Kumar Tiwari