जापान के हिरोशिमा पर परमाणु हमले के 72 वर्ष पूरे हो गए लेकिन सात दशकों बाद फिर परमाणु युद्ध का खतरा मंडरा रहा है। उत्तर कोरिया की उन्मादी सोच चीन की विस्तारवादी मंशा व बेलगाम आतंकियों ने दुनिया को दहशत से भर दिया है। इन सबके बीच हिरोशिमा हमले में बचे शख्स ने दुनिया के पहले परमाणु हमले की बरसी पर कहा कि परमाणु हथियार मानवता का दुश्मन है। यह मानवता के लिए किसी भी सूरत में स्वीकार नहीं है।

क्या हुआ था उस वक्त?

हिरोशिमा इसका दंश झेल चुका है। अमेरिका ने जब 6 अगस्त, 1945 को हिरोशिमा पर बम गिराया था, तब तोशिकी फुजीमोरी की उम्र महज एक साल की थी। वह अपनी मां की गोद में थे। धमाके की आवाज से वह मां संग जमीन पर गिर पड़े थे। इस बम हमले के बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था। परमाणु हमले में 1.40 लाख लोग मारे गए थे। 

 

दी जाती रहेगी धौंस

फुजीमोरी ने माना कि नॉर्थ कोरिया के परमाणु परीक्षण से तनाव बढ़ता जा रहा है। हिरोशिमा पर हमले के तीन दिनों बाद ही नागासाकी पर हमले में 70 हजार लोगों की जान गई थी। हिरोशिमा के मेयर काजूमी मात्सुई ने एक कार्यक्रम में कहा 'नारकीयता केवल अतीत नहीं है। जब तक परमाणु हथियार अस्तित्व में रहेंगे और इसके इस्तेमाल की धमकी दी जाती रहेगी, यह कभी भी हमारे वर्तमान को समाप्त कर सकता है। आप खुद को उनकी क्रूरता से जूझते हुए पा सकते हैं।' उन्होंने कहा कि आज एक बम भी 72 साल पहले हुए बम हमले से ज्यादा क्षति पहुंचा सकता है। उन्होंने जापान सहित परमाणु संपन्न देशों से परमाणु हथियार रोकथाम के संबंध में आगे बढऩे की अपील की।


Posted By: Satyendra Kumar Singh