लीबिया की अंतरिम सरकार ने बेनग़ाज़ी में उत्साहित समर्थकों की भीड़ के सामने देश की स्वतंत्रता की घोषणा की है.

ये वही जगह है जहाँ से कर्नल मुअम्मर गद्दाफ़ी के शासन के विरुद्ध विद्रोह शुरू हुआ था। नेशनल ट्रांज़िशनल काउंसिल यानी एनटीसी के नेता मुस्तफ़ा अब्दुल जलील ने लीबियाई लोगों से अपील की कि वे देश की ख़ातिर आपसी मतभेद अब पीछे छोड़ दें।

कर्नल गद्दाफ़ी की गुरुवार को मौत हो गई थी जबकि नैटो देशों की मदद से एनटीसी की फ़ौज ने सिर्त में भी क़ब्ज़ा कर लिया। मगर उसके बाद से ही एनटीसी पर इस बात का दबाव बढ़ रहा है कि कर्नल गद्दाफ़ी की मौत के हालात की जाँच होनी चाहिए।

रविवार को हुए एक पोस्ट मॉर्टम में पता चला है कि उनके सिर में गोली लगी थी। मिसराता में एक कोल्ड स्टोरेज में उनका और उनके बेटे मुतस्सिम का शव लोगों के देखने के लिए रखा गया है।

एनटीसी के उप प्रमुख अब्दुल हाफ़िज घोगा ने मंच से घोषणा की कि लीबिया अब आज़ाद है। उन्होंने कहा, "आज़ादी का ऐलान, अपने सिर ऊपर उठाइए। अब आप आज़ाद लीबियाई हैं."

आज़ाद लीबियाई

उनके इतना कहते ही वहाँ मौजूद हज़ारों लोगों ने एक सुर में कहा, "अब आप आज़ाद लीबियाई हैं."  अब्दुल जलील ने भाषण से पहले झुककर ख़ुदा का शुक्र अदा किया। उन्होंने हर उस व्यक्ति को शुक्रिया कहा जिन्होंने क्रांति में हिस्सा लिया।

उन्होंने कहा, "आज हम सब एक हो गए हैं। मैं सबसे अपील करता हूँ कि वे क्षमा, सहनशीलता और मेल मिलाप से रहें। हमें घृणा मिटा देनी चाहिए। क्रांति और लीबिया के भविष्य की सफलता के लिए ये ज़रूरी है."

अब्दुल जलील ने कहा कि नया लीबिया इस्लामी क़ानून को आधारशिला बनाएगा। बैंकों से ऋण पर ब्याज़ दर की सीमा तय की जाएगी और लीबियाई लोग कितनी शादियाँ कर सकते हैं उस प्रतिबंध को भी हटा दिया जाएगा। उन्होंने सीरिया और यमन में सरकार विरोधी प्रदर्शन कर रहे लोगों को शुभकामनाएँ भेजीं।

देश-विदेश से संदेश
अमरीकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने इस मौक़े पर लीबियाई लोगों को बधाई दी है। उन्होंने कहा, "चार दशकों की बर्बर तानाशाही के बाद और आठ महीने के ख़ूनी संघर्ष के बाद अब लीबियाई लोग अपनी आज़ादी और नए युग की शुरुआत का जश्न मना सकते हैं."

नैटो के प्रमुख ऐंडर्स फ़ॉग रैसमूसन ने भी आज़ादी की घोषणा का स्वागत किया है। ब्रितानी विदेश मंत्री विलियम हेग ने लीबियाई लोगों को ऐतिहासिक जीत पर बधाई दी। लीबिया के कार्यवाहक प्रधानमंत्री महमूद जिब्रील घोषणा कर चुके हैं कि देश में अगले साल साल जून में चुनाव प्रस्तावित हैं।

उन्होंने बताया था कि चुने गए लोग एक संविधान का मसौदा तैयार करेगी जिस पर जनमत संग्रह होगा और फिर एक अंतरिम सरकार चुनी जाएगी जिसके बाद राष्ट्रपति का चुनाव होगा।

उधर अमरीका, संयुक्त राष्ट्र और अन्य प्रमुख मानवाधिकार संगठनों ने गद्दाफ़ी की मौत की परिस्थितियों की निष्पक्ष जाँच की माँग की है। वीडियो फ़ुटेज में उन्हें ज़िंदा पकड़ा गया दिखाया गया था। अधिकारियों का कहना रहा है कि उसके बाद हुई गोलीबारी में गद्दाफ़ी मारे गए थे।

Posted By: Inextlive