भारत और अमरीका के राजनीतिक संबंध 65 साल की उम्र हासिल कर चुके हैं.


इस दौरान 26 बार भारतीय प्रधानमंत्रियों और एक भारतीय राष्ट्रपति ने अमरीका का दौरा किया जबकि छह बार अमरीकी राष्ट्रपति भारत आए.भारत की आज़ादी के बाद अमरीका से उसके संबंध शीतयुद्ध के दौर, अविश्वास और भारत के परमाणु कार्यक्रम को लेकर खिंचाव में बंधे रहे हैं.पिछले कुछ वर्षों से इनमें गर्माहट देखी जा रही है.आर्थिक और राजनीतिक मोर्चों पर सहयोग में भी इज़ाफ़ा हुआ है.नेहरू से मोदी तकजवाहर लाल नेहरूशीतयुद्ध के दौरान भारत ने तटस्थता की घोषणा की थी. भारत गुटनिरपेक्ष आंदोलन के नेता के रूप में उभरा. पूरे शीतयुद्ध काल में अमरीका से रिश्तों में हिचकिचाहट थी तो रूस और भारत के बीच निकटता बढ़ी.
1962 में चीन के साथ युद्ध के दौरान प्रधानमंत्री नेहरू ने राष्ट्रपति जॉन एफ़ कैनेडी को ख़त लिखकर मैकमोहन लाइन को सीमा रेखा मानने का अनुरोध किया. 1965 में भारत-पाकिस्तान युद्ध तक दोनों देशों के बीच ताल्लुकात क़रीबी रहे.सर्वपल्ली राधाकृष्णन1966 और 1971 में अमरीका यात्रा की. 1969 में अमरीकी राष्ट्रपति रिचर्ड निक्सन भारत आए. वह तब कार्यवाहक राष्ट्रपति हिदायतुल्लाह से मिले.


1982 में आख़िरी बार अमरीका दौरा. 1971 में भारत-पाकिस्तान के तीसरे युद्ध के दौरान अमरीका ने चीन के साथ निकटता के संदर्भ में मध्यस्थ की भूमिका ली और पाकिस्तान को सहयोग किया.भारत ने सोवियत संघ के साथ 20 साल के लिए दोस्ती और सहयोग संधि पर दस्तख़त किए. शीतयुद्ध काल में गुटनिरपेक्षता की नीति से यह क़दम उलट था.1974 में परमाणु परीक्षण के साथ भारत संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के पांच सदस्यों के बाद ऐसा करने वाला पहला देश बना.परमाणु परीक्षणों की वजह से अमरीका के साथ अगले दो दशकों तक संबंधों में खिंचाव की नींव पड़ी.मोरारजी देसाई1985 में दो बार और फिर 1987 में एक बार अमरीका की यात्रा पर गए. 1985 में राष्ट्रपति रोनाल्ड रीगन से मुलाक़ात.1990 में अमरीका के डिप्टी नेशनल सिक्योरिटी एडवाइज़र रॉबर्ट गेट्स ने भारत और पाकिस्तान के बीच संभावित परमाणु युद्ध का ख़तरा टालने के लिए दोनों देशों का दौरा किया.पीवी नरसिम्हरावसाल 2000 में अमरीकी कांग्रेस के संयुक्त सत्र का संबोधन. इसी साल राष्ट्रपति क्लिंटन भारत दौरे पर राष्ट्रपति के आर नारायणन से मिले.ऊर्जा और पर्यावरण पर द्विपक्षीय समझौता हुआ और उन्होंने भी भारतीय संसद को संबोधित किया. 2001 में वाजपेयी ने अमरीका दौरा किया.

इसके बाद 2002 और 2003 में संयुक्त राष्ट्र महासभा सम्मेलन के दौरान राष्ट्रपति बुश से मुलाक़ात.1998 में परमाणु परीक्षणों के बाद अमरीका के साथ भारत के संबंधों में तनाव आया था.अमरीकी राजदूत को वापस बुलाने के साथ राष्ट्रपति बिल क्लिंटन ने भारत पर आर्थिक प्रतिबंध लगाए.1999 में करगिल युद्ध के दौरान क्लिंटन ने पाकिस्तानी प्रधानमंत्री नवाज़ शरीफ़ को वॉशिंगटन बुलाया.इसके बाद पाकिस्तान ने नियंत्रण रेखा पर अपनी सेनाएं पीछे हटाईं. 2001 में बुश प्रशासन ने आर्थिक प्रतिबंध हटाए.मनमोहन सिंह2005 में अमरीकी विदेश मंत्री कॉन्डोलीज़ा राइस के भारत दौरे के साथ अमरीका के साथ संबंधों में सुधार. भारत और अमरीका ने रक्षा सहयोग पर समझौता किया.इसी साल दोनों देशों की सेनाओं का पहली बार संयुक्त नौसैनिक युद्धाभ्यास.इसी साल दोनों देशों ने 10 साल के लिए नागरिक परमाणु सहयोग समझौते पर दस्तख़त किए और इसी के साथ अमरीका ने 30 साल के लिए भारत से परमाणु कारोबार पर लगे स्थगन को हटा लिया.बदले में भारत ने अपने नागरिक और सैन्य परमाणु संयंत्रों को अलग रखने और सभी नागरिक संयंत्रों को आईएईए की देखरेख में लाने को मंज़ूरी दी.2008 में मुंबई हमलों के दौरान अमरीका ने एफ़बीआई जांचकर्ताओं को भारत भेजा.
2010 में भारत और अमरीका ने पहली बार इंडिया-यूएस स्ट्रेटेजिक डायलॉग की नींव डाली.इसी साल राष्ट्रपति बराक ओबामा ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत की दावेदारी का समर्थन किया.2011 में भारत और अमरीका ने साइबर सिक्योरिटी के लिए एमओयू पर दस्तख़त किए, जो स्ट्रैटेजिक डायलॉग का ही हिस्सा है.2014 में न्यूयॉर्क में भारतीय राजनयिक देवयानी खोबरागड़े की गिरफ़्तारी का विवाद हुआ. कुछ समय बाद भारत में अमरीकी राजदूत नैंसी पॉवेल ने इस्तीफ़ा दिया.राष्ट्रपति बराक ओबामा ने भारत के नए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को उनकी जीत पर बधाई दी और अमरीका यात्रा का न्यौता दिया.2002 में गुजरात दंगों के बाद अमरीका ने उनके प्रवेश पर पाबंदी लगा दी थी. तब मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री थे.

Posted By: Satyendra Kumar Singh