Kanpur: अभी तक आपने क्रिमिनल की हिस्ट्रीशीट के बारे में सुना होगा लेकिन क्या आप जानते हैं कि पुलिस डिपार्टमेंट में भी हिस्ट्रीशीटर्स होते हैं. पुलिस की साख गिराने वाले और बैड वर्क करने वाले पुलिसकर्मी को आपसी बोलचाल में हिस्ट्रीशीटर कहा जाता है. इन्हें खराब चाल-चलन के आधार पर चिंहित किया जाता है. हिस्ट्रीशीटर चिन्हित होने पर उन्हें फील्ड से हटाकर पुलिस लाइन से संबंद्ध कर दिया जाता है. इस समय भी पुलिस लाइन में कई हिस्ट्रीशीटर्स मौजूद हैं. इनमें कुछ तो सुधरने को तैयार नहीं हैं. वो आए दिन पुलिस लाइन में हुड़दंग करने लगते हैं. रोकने पर मारपीट पर उतारू हो जाते हैं. साथी पुलिसकर्मी भी इनकी हरकतों से परेशान हैं. आगे की कार्रवाई के लिए अब इनकी रिपोर्ट बनाकर एसएसपी को भेजी जा रही है.


कैसे चिंहित होते है हिस्ट्रीशीटरपुलिस डिपार्टमेंट में कांस्टेबल से लेकर सभी ऑफिसर्स के चाल चलन का रिकॉर्ड रखा जाता है। उनकी हर हरकत पर नजर रखकर रिपोर्ट तैयार की जाती है। पुलिस पर तो आरोप लगते रहते हैं, लेकिन लगातार शिकायत आने पर या किसी बड़े मामले में लिप्त पाए जाने पर उस पुलिसकर्मी को हिस्ट्रीशीटर घोषित कर दिया जाता है। इसके बाद उनसे चार्ज लेकर लाइन से अटैच कर दिया जाता है। अगर पुलिस कर्मी के चाल-चलन में सुधार नहीं होता है, तो आरआई रिपोर्ट बनाकर एसएसपी को भेजते हैं। रिपोर्ट के आधार पर सस्पेंशन या दूसरे जिले में ट्रांसफर की कार्रवाई की जाती है।35 हिस्ट्रीशीटर आरआई के मुताबिक, इस समय पुलिस लाइन में 35 हिस्ट्रीशीटर हैं। इनमें सबसे ज्यादा कांस्टेबल हैं। जिन्हें कार्रवाई की चेतावनी भी दी गई है, लेकिन वे सुधर नहीं रहे हैं। सिटी पुलिस के कुछ हिस्ट्रीशीटर्स


-कैंट सर्किल के सीओ रहे अमरजीत शाही छात्रा से दुष्कर्म के आरोप में जेल में हैं। उनके खिलाफ जिला कोर्ट में केस चल रहा है। -कल्याणपुर में दिव्या रेप एंड मर्डर केस में फर्जी गुडवर्क कर निर्दोष को जेल भेजने के मामले में तत्कालिक एसपी ग्रामीण लाल बहादुर, सीओ लक्ष्मी निवास मिश्रा और इंस्पेक्टर एके सिंह समेत कई अफसर सस्पेंड हुए थे।

- रेलबाजार के तत्कालीन एसओ जेबी पांडे और सिपाहियों ने मुकेश नाम के एक आरोपी हवालात में बेरहमी से पीटकर हत्या कर दी थी। केस में एसओ पाण्डेय और सिपाही जेल गए थे।-रेलबाजार पुलिस ने तीन महीने पहले सिपाही कमालुद्दीन को अपहरण के आरोप में गिरफ्तार कर जेल भेजा था। उस पर क्षेत्र के शरीफुद्दीन के साथ मिलकर एक युवक को अगवा करने का आरोप था। इस सिपाही के खिलाफ पहले भी कई शिकायतें की जा चुकी हैं। -हरबंश मोहाल थाने में तैनाती के दौरान दरोगा ध्यान सिंह ने वाहन चोर गिरोह को पकड़ था, लेकिन इसके बाद उन्होंने उनको छोड़ दिया था। इस मामले में उनको सस्पेंड किया गया था। -ग्वालटोली में रहने वाले एसओजी सिपाही मनीष मिश्रा को जबरन लोगों से उगाही की शिकायत पर सस्पेंड कर दिया गया। उसके खिलाफ कई शिकायतें दर्ज की गई हैं। -चकेरी में एसओ रहे सुनील कुमार सिंह ने तीन मजदूरों को बावरिया गैैंग का मेंबर बताकर एनकाउंटर कर दिया था। उस समय वह एसओजी प्रभारी थे। उनके खिलाफ भी जांच चल रही है। -एसओजी प्रभारी कुशलपाल सिंह पर सिटी में तैनाती के दौरान वसूली का आरोप लगा था। जिसके बाद उनके खिलाफ एक्शन हुआ था।

-परेड चौकी इंचार्ज रहे दरोगा रहमतउल्लाह एक केडीए अधिकारी से घूस लेते हुए पकड़े गए थे। जिस पर उनको सस्पेंड किया गया था।

Posted By: Inextlive