- स्टोर रीडिंग रिमूव कर बिजली चोरी का खेल

- कम रीडिंग उठाकर बनाया जा रहा बिजली का बिल

- मीटर में स्टोर रीडिंग को डिफ्यूज कर की जा रही धांधली

मेरठ। बिजली चोरी और पीवीवीएनएल के बीच चल रही रस्साकसी में 'तुम डाल-डाल,हम पात-पात' वाली कहावत फिट बैठ रही है। यही कारण है कि विभाग बिजली चोरी के मामलों पर लगाम नही लगा पा रहा है। आलम यह है कि विभाग की लाख चौकसी और हाइटेक इंतजामों के बावजूद भी शहर में धड़ल्ले से बिजली चोरी की जा रही है। हाल ही में विभाग की पकड़ में ऐसे सैकड़ों मामले आए हैं।

कम बनाया जाता है बिलिंग

दरअसल, पीवीवीएनएल के ही कुछ कर्मचारी उपभोक्ताओं को कम बिल बनाने का लालच देकर मीटर से कम रीडिंग उठाते हैं और उसी के आधार पर बिल बना देते हैं। कम बिल आने पर उपभोक्ता न केवल इसको किफायती प्रक्रिया मान बैठता है, बल्कि उनकी रजामंदी से बिलिंग की यह प्रक्रिया सालों साल चलती रहती है।

स्टोर रहती हैं रीडिंग

सच यह है कि मीटर रीडर द्वारा उठाई गई रीडिंग के अलावा कुल में से शेष बची रीडिंग हर बार मीटर में स्टोर होती रहती हैं। इसका पता तब चलता है जब शक या शिकायत होने पर विभाग की ओर से मीटर चेक किया जाता है और रुकी हुई कुल रीडिंग्स का मोटा बिल बनकर उनके हाथ में आ जाता है।

सामने आया नया खेल

मीटर चेकिंग के दौरान पकड़ में आने वाले मामलों से निजात पाने के लिए बिजली के इन हाइटेक चोरों ने नया फार्मूला तैयार किया है। नए फार्मूले के अंतर्गत कम रीडिंग उठाकर बिल बनाने का खेल कई महीने तक के बाद मीटर की डिसप्ले डिस्टर्ब कर दी जाती है। जिससे मीटर में स्टोर होने वाली रीडिंग्स का रिकॉर्ड खत्म हो जाता है। ऐसे में मीटर रीडर मीटर को खराब दर्शा कर लैब में जमा कर देता है, जिसके बाद कंज्यूमर के यहां नया मीटर फिट कर दिया जाता है।

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पकड़ में आए 95 मामले

चोरी पकड़ो अभियान के अंतर्गत पकड़ में आए मेरठ समेत पश्चिमांचल के 95 मामलों को ध्यान में रखते हुए उपभोक्ताओं को जागरूक बनाने का निर्णय लिया है। पीवीवीएनएल इस संबंध में कंज्यूमर्स को न केवल ऐसी घटनाओं से चौकन्ना रहने की अपील की है। बल्कि ऐसे मामलों में कंज्यूमर और कर्मचारी की संलिप्तता पर सख्त कार्रवाई करने के निर्देश भी दिए हैं।

मीटर में छेड़छाड़ करना गंभीर अपराध है। इस तरह के कुछ मामले पकड़ में आए हैं, जिनकी जांच चल रही है। कंज्यूमर इस तरह के मामलों में सजगता का परिचय दें। यदि कोई गड़बड़ मिलती है तो कार्रवाई की जाएगी।

-विराग बंसल, चीफ इंजीनियर पीवीवीएनएल मेरठ

Posted By: Inextlive