रंगभरी एकादशी पर भगवान शिव व भगवान बेणीमाधव के दरबार में अबीर-गुलाल का रहा उल्लास

ALLAHABAD: बसंत पंचमी के दिन होलिका सजाकर खुशियों के त्योहार का शुभारंभ हो जाता है। लेकिन असली उत्सव का आगाज रंगभरी एकादशी से होता है जो इस बार सोमवार को थी। पौराणिक मान्यता के अनुसार एकादशी के दिन ही भगवान शिव माता पार्वती के संग विवाह के बाद पहली बार काशी पहुंचे थे। ऐसे में सोमवार को शहर में भक्तों ने देवों के संग होली खेली। मनकामेश्वर मंदिर में प्रभारी स्वामी श्रीधरानंद ब्रह्माचारी ने भगवान शिव को अबीर-गुलाल लगाकर पूजन-अर्चन किया। इसके शिष्यों ने एक-दूसरे को अबीर-गुलाल लगाकर खुशी मनाई।

भगवान बेणीमाधव की महाआरती

रंग भरी एकादशी पर दारागंज स्थित बेणीमाधव मंदिर में शाम से ही भक्तों के बीच उल्लास छाया रहा। महंत ओंकार देव की अगुवाई में मंदिर के पुजारी अभिषेक दूबे व विजय तिवारी ने भगवान बेणी माधव की आरती उतारी। इसके बाद भक्तों ने अबीर-गुलाल की बौछार कर भगवान का आशीर्वाद प्राप्त किया। हिम्मत गंज स्थित सत्संग भवन में श्री राधा कृष्ण का फूलों से आकर्षक श्रृंगार किया गया। सुधा त्रिपाठी की अगुवाई में फूलों की होली खेली गई। श्री श्याम सेवा ट्रस्ट की ओर से पथरचट्टी परिसर में होली उत्सव धूमधाम से मनाया गया।

Posted By: Inextlive