ज्वेलरी की हो रही होम डिलीवरी
आई एक्सक्लूसिव
- सर्राफा बंदी के बाद भी खूब बिक रहा सोना, दुकानदार ग्राहकों के घर पहुंचा रहे माल -सर्राफा बंदी की मार सिर्फ नए और छोटे कस्टमर्स पर, बड़े कस्टमर्स के घर पर हो रही गहनों की होम डिलेवरी -घर पर ज्वेलरी खरीदने वाले कस्टमर्स ने आई नेक्स्ट से ज्वैलरी की होम डिलेवरी की पुष्टि की >kanpur@inext.co.inKANPUR : सोने व हीरे की ज्वैलरी पर एक्साइज ड्यूटी बढ़ाने के बाद से भले ही सर्राफा व्यापारी एक महीने से ज्यादा समय से विरोध-प्रदर्शन और बंदी कर रहे हो, लेकिन इतना सब होने के बाद भी शहर के कई बड़े ज्वैलरी शोरूमों पर इस बंदी का कोई असर नहीं पड़ा है। इन कारोबारियों के शोरूम भले ही बंद हो, लेकिन काम बंद नहीं है। बड़े ग्राहकों को यह बंदी होने के बाद भी घरों में ही ज्वैलरी बेच रहे हैं। इसके पीछे एक वजह अप्रैल में दोबारा सहालग शुरू होना भी है। इसी दबाव में धड़ल्ले से ज्वैलरी की होम डिलेवरी चल रही है।
घर पर ही हो रही खरीदारीदरअसल, शहर के बड़े ज्वैलरी शोरूमों में उनके कई बड़े और फिक्स ग्राहक भी होते हैं। अक्सर इन ग्राहकों को उनकी सुविधा के अनुसार घर पर ही ज्वैलरी दिखाई और बेची जाती है। यही इस बंदी में भी हो रहा है। छोटे ग्राहकों को भले ही हड़ताल से दिक्कत हो रही हो, लेकिन बड़े शोरूम्स के रेग्युलर कस्टमर्स पर बंदी का कोई असर नहीं पड़ रहा है। इसकी जानकारी खुद एक बड़े सर्राफा कारोबारी ने अनौपचारिक रूप से दी है।
फोन पर चल रहा व्यापार सर्राफा व्यापारी ने यह भी बताया कि उक्त कार्य शहर के कई बड़े ज्वैलर्स भी कर रहे हैं। सारा कारोबार फोन और होम डिलेवरी पर चल रहा है। वो कहते हैं कि इतने दिनों तक किसी भी सूरत में बिजनेस को पूरी तरह बंद नहीं किया जा सकता है। क्योंकि मामला हर दुकानदार से जुड़ा है ऐसे में उनका साथ देना भी जरूरी और अपना पेट पालना भी। ऐसे में ये उपाय निकाला गया है। कस्टमर्स ने आई नेक्स्ट से ज्वैलरी की होम डिलेवरी की पुष्टि की है, लेकिन उनके अनुरोध पर अखबार में नाम नहीं छापा जा रहा है। ----------------------- एक नजर में हड़ताल -हड़ताल में शामिल मुख्य संगठन, उत्तर प्रदेश सर्राफा एसोसिएशन, कानपुर महानगर सर्राफा एसोसिएशन इसके अलावा सभी क्षेत्रीय इकाईयां -मुख्य बाजारें, बिरहाना रोड, पीपल वाली कोठी, चौक सर्राफा -शहर में बड़े ज्वैलरी शोरूम 80-रोज होने वाला सर्राफा कारोबार 15 से 20 करोड़ रुपए
-हड़ताल चल रही 37 दिन से -अब तक 7 अरब से ज्यादा का नुकसान -हड़ताल से प्रभावित कामगार 3 से 4 हजार