आर्टिकल 370 निष्प्रभावी करने की घोषणा के साथ राज्यसभा में जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन बिल भी पास हो गया। होम मिनिस्टर अमित शाह ने राज्यसभा में इससे जुड़ा संकल्प भी पेश किया। पेश हैं प्रमुख अंश...


आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लिए प्रयाससंघ सरकार ने भारत के संविधान के 103वें संशोधन अधिनियम 2019 को आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लिए शिक्षिण संस्थाओं व सरकारी नौकरियों में 10 प्रतिशत आरक्षण देने का प्रस्ताव लेकर आया हूं। ये आरक्षण अनुसूचित जातियां, जनजातियां, अन्य पिछड़े वर्ग और सीमा के आरक्षण के अलावा जातिगत प्रतिशत आरक्षण आर्थिक रूप से पिछड़े लोगों को दिया जाएगा। इसके बाद जम्मू एंव कश्मीर के आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग और उसमें जो टैलेंटेड बच्चे हैं वो बच्चों को देंगे, शिक्षा में भी देंगे, नौकरियों में भी देंगे और आदेश के अनुसार जम्मू एवं कश्मीर में इसको 370 के माध्यम से लागू किया जाएगा।   संशोधन दोनों सदन से पारित होना जरूरी


महोदय, जम्मू कश्मीर की सरकार, उनके प्रस्ताव पर इस मंत्रालय में विचार किया गया था और मंत्री मंडल की सिफारिश के आधार पर राष्ट्रपति ने जम्मू-कश्मीर के अंदर ये सुधार करने के लिए संशोधन आदेश 2019 नामक 1 मार्च, 2019 को पारित किया था। अब संविधान में संशोधन आदेश प्रभारी बनाने के लिए इस उद्देश्य से जम्मू कश्मीर आरक्षण अधिनियम 2004 में संशोधन लाने की जरूरत है, क्योंकि राष्ट्रपति शासन के दौरान विदाई प्रक्रिया संसद के दोनों सदनों में निहित होती है, अत: जम्मू एवं कश्मीर आरक्षण अधिनियम 2004 को संशोधित करने के लिए दोनों सदनों के द्वारा पारित किया जाना बहुत जरूरी है। कश्मीर भारत का स्वर्ग था, है और रहेगाजम्मू-कश्मीर भारत मुकुट मणि है इस बात से हमारा कोई मतभेद नहीं है। कश्मीर भारत का स्वर्ग था, है और हमेशा रहेगा। अब जम्मू-कश्मीर के लोगों को आर्थिक आधार पर 10 फीसदी का आरक्षण खुद ब खुद मिलेगा। ऐसे फैसले लेने के लिए उचित समय की जरूरत नहीं बल्कि मजबूत राजनीतिक इच्छाशक्ति चाहिए होती है। बड़े और कड़े फैसले लेने का जिगर होना चाहिए और मुझे गर्व है कि हमारे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी में ये सब है।नागरिकों के लिए भले के बनता है कानून

पंडित नेहरू ने कहा था कि 370 घिसते घिसते घिस जाएगा लेकिन कुछ लोगों ने 370 को संभालकर रखा। सरदार पटेल ने जूनागढ़ और हैदराबाद का मामला डील किया और वे सब भारत का हिस्सा हैं, वहां 370 भी नहीं है,लेकिन कश्मीर को नेहरू ने डील किया था और हालात ऐसे हैं। ये जो 370 के एडवोकेट हैं जरा पता करिए कि इनके बेटे कहां पढ़ते हैं? इनसे कहिए कि ये भी अपने बेटों को घाटी में रखकर पढ़ाएं तो जानें। गुजरात, राजस्थान, ओडिशा और बिहार जैसे राज्यों का युवा आतंकवाद के हाथों गुमराह नहीं होता क्योंकि वहां 370 नहीं है, अलगाववाद का भूत नहीं है। 370 की वजह से युवाओं में नाराजगी की भावना पैदा की गई। मुझे पता है कि कुछ लोग मन बनाकर बैठे हैं कि इसका विरोध किया जाएगा। लेकिन मैं आश्वस्त करना चाहता हूं कि किसी भी लीगल स्क्रूटनी से इस बिल को कोई फर्क नहीं पड़ने वाला है। अमित शाह के राज्यसभा में जवाब देते वक्त पीएम नरेन्द्र मोदी भी सदन में मौजूद हैं। सरकारें कानून तो नागरिकों के भले के लिए बनाती हैं। अनुच्छेद 370 और 35ए हटने से घाटी का भला होने वाला है और वह पूरी तरह हमारे देश का अभिन्न अंग बन जाएगा। कल लोकसभा में इस कानून के पारित होते ही रात से ही कश्मीर के हर बच्चे को शिक्षा का अधिकार मिलने लगेगा।जम्मू-कश्मीर में हर धर्म के लोग रहते हैं

370 की वकालत करने वाले मुझे बताएं कि कौन सा बड़ा डॉक्टर कश्मीर में जाकर रहना चाहेगा जब उसे वहां कोई अधिकार ही नहीं मिलेगा। ओडिशा में डॉक्टर्स जाते हैं और रहते हैं क्योंकि उन्हें वहां अधिकार मिलते हैं। ये जो 370 के पक्ष में खड़े हैं वे जरा मुझे बताएं तो इसका फायदा क्या है? अगर 370 से गरीबी दूर हो जाए तो ठीक है, अगर 370 से 5 हजार कमाने वाला व्यक्ति 15000 कमाने लगे तो ठीक है। घाटी में पर्यटन में कमी आई है और इसकी वजह अनुच्छेद 370 है। बड़ी कंपनियां वहां जाना चाहती हैं लेकिन 370 की वजह से जा नहीं सकती हैं और इसका नुकसान घाटी के लोगों को होता है क्योंकि उनको रोजगार नहीं मिल पाएगा। सरकार ने वहां करोड़ों रुपये भेजे लेकिन सभी भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गए क्योंकि भ्रष्टाचार को रोकने वाला कानून वहां लागू नहीं होता। यह जो हलचल है, यह 370 हटने का नहीं बल्कि राष्ट्रपति के आदेश के बाद वहां भ्रष्टाचार की जांच शुरू हो गई है इसलिए है। जम्मू-कश्मीर में करोड़ों रुपए भेजे गए लेकिन जमीन पर कोई काम नहीं हुआ। सब भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गए क्योंकि वहां तीन परिवारों का आशीर्वाद होता है वही वहां कुछ कर सकता है। जम्मू-कश्मीर में सिर्फ मुसलमान नहीं बल्कि हर धर्म के लोग रहते हैं। घाटी के लोग गरीबी से मुक्ति और लोकतंत्र चाहते हैं। अनुच्छेद-370 महिला विरोधी है, दलित विरोधी है, आदिवासी विरोधी है और घाटी में आतंकवाद की जड़ है। 370 और 35 ए के कारण जम्मू-कश्मीर में गरीबी घर कर गई। घाटी में भ्रष्टाचार हुआ। जब पूरे देश में विकास दिखता है लेकिन कश्मीर में नहीं दिखता तो आंख में आंसू आ जाते हैं। राज्यसभा में बोलते हुए अमित शाह ने कहा- अनुच्छेद-370 हटने से घाटी में रक्तपात के युग का अंत हुआ।editor@inext.co.in

Posted By: Satyendra Kumar Singh