हॉकी के जादूगर मेजर ध्‍यानचंद को भारत रत्‍न देने का मुद्दा एक बार फिर चर्चा में आ गया है. खबरों के मुताबिक होम मिनिस्‍ट्री ने ध्‍यानचंद को भारत रत्‍न देने की सिफारिश की है लेकिन होम मिनिस्‍टर राजनाथ सिंह ने इस बात से इंकार कर दिया है.

आखिर ये हो क्या रहा है
केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि भारत रत्न से जुड़ा कोई भी मामला मंत्रालय के पास नहीं है. जबकि आज दिन में खबर आई थी कि होम मिनिस्ट्री ने मेजर ध्यानचंद को भारत रत्न से सम्मानित करने की सिफारिश की है. इससे पहले गृह राज्यमंत्री किरन रिजिजू ने लोकसभा में दिये गये लिखित जवाब में बताया कि खेल मंत्रालय ने मेजर ध्यानचंद को भारत रत्न दिये जाने के मामले में गृहमंत्रालय को सिफारिश भेजी है. खबर तो यह भी आई थी कि गृहमंत्रालय ने यह सिफारिश पीएम कार्यालय को भेज दी है.
वैंकैया नायडू ने भी किया इंकार
केंद्रीय मंत्री वैंकैया नायडू से संसद परिसर में जब किरन रिजिजु के बयान की बात पूछी गई तो उन्होंने कहा कि ये मीडिया की गढ़ी हुई कहानियां हैं, इनका कोई आधार नहीं है. नायडू ने यह भी कहा कि सरकार ने अभी तक ऐसे किसी मुद्दे पर अब तक विचार नहीं किया है. गौरतलब है कि मेजर ध्यान चंद को लंबे समय से भारत रत्न दिये जाने की मांग की जा रही है. हालांकि केंद्र सरकार ने अब तक ऐसी कोई मांग नहीं मानी है.
अनोखा था यह जादूगर
29 अगस्त 1905 में जन्में ध्यानचंद ने 1928 से 1936 के बीच तीन ओलंपिक खेलों में देश को गोल्ड मेडल दिलाया था. हॉकी के गेम में महारत रखने वाले ध्यानचंद का बॉल पर इतना अद्भुत नियंत्रण था कि उन्हें हॉकी का जादूगर कहा जाने लगा. उनके जन्म दिवस को 'राष्ट्रीय खेल दिवस' के रूप में मनाया जाता है और इसी दिन राष्ट्रपति देश के शीर्ष खेल पुरस्कारों-राजीव गांधी खेल रत्न, अर्जुन पुरस्कार और द्रोणाचार्य पुरस्कार से प्लेयर्स को नवाजते हैं. गौरतलब है कि पिछले साल भी खेल मंत्रालय ने भारत रत्न के लिये ध्यानचंद के नाम की सिफारिश की थी, लेकिन पीएम कार्यालय ने यह अवार्ड क्रिकेट के महानायक सचिन तेंदुलकर को दे दिया था.         

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Posted By: Abhishek Kumar Tiwari