- पर्यटकों का महंगा सामान वापस कर ईमानदारी की मिसाल पेश कर रहा ताज

- चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारी और सीआईएसएफ के जवान निभा रहे अपनी डयूटी

आगरा। बदलते वक्त और बेईमानी के दौर में ईमानदारी आज भी जिंदा है। ताजनगरी भी इस मिसाल में अपना अलग दबदबा बनाए हुए है। खास तौर से खूबसूरती के लिए ख्याति प्राप्त ताजमहल ईमानदारी के लिए भी मशहूर हो चुका है। यह बात इसलिए कही जा रही है, क्योंकि मौजूदा वर्ष में ताजमहल प्रशासन करीब 50 पर्यटकों को उनका खोया सामान वापस दे चुका है। इसमें न सिर्फ भारत बल्कि भारत से बाहर के तमाम देश भी शामिल हैं।

50 पर्यटकों के महंगे सामान लौटाए

ताजमहल के चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी और सीआईएसएफ के जवान मिलकर इस नेकी के फर्ज को बखूबी निभा रहे हैं। वह ताजमहल बंद होने और खुलने के दौरान कैंपस में मिले लावारिस सामान को इकट्ठा कर लेते हैं और उन्हें एक जगह जमा करा देते हैं। यदि कोई परिचय या पता सामानों के जरिए मिलता है तो संबंधित व्यक्ति को सूचित भी कर दिया जाता है। इस तरह वह लोगों को उनका खोया हुआ सामान वापिस दिला देते हैं। मौजूदा वर्ष में 50 ऐसे केस आए, जिनमें लावारिस सामान मिला और उन्हें संबंधित व्यक्ति तक पहुंचा दिया गया।

.नहीं तो सरकारी खजाने में करते हैं जमा

कुछ केस ऐसे भी हैं जिसमें यदि लावारिस सामान लेने के लिए कोई नहीं आता है तो उसे सरकारी खजाने में जमा करा दिया जाता है। इसके लिए काफी समय तक इंतजार किया जाता है। संपर्क करने की कोशिश भी की जाती है लेकिन ऐसा सामान के लिए कोई प्रस्तुत नहीं होता तो प्रशासन की ओर से सामान सरकारी खजाने में जमा करा दिया जाता है।

पांडेचेरी से कामिरेड्डी नागा सूर्यनारायण अपने परिवार के साथ यहां घूमने आए। मेन गेट पर सिक्योरिटी चेकिंग में भीड़ में कुछ अनहोनी के डर से उनकी पत्‍‌नी से अपने सोने के टॉप्स और मंगलसूत्र उतारकर प्रसाद की थैली में रख लिए। सिक्योरिटी वालों ने प्रसाद अंदर ले जाने के लिए मना कर दिया तो प्रसाद वहीं फेंक आगे बढ़ लिए। बाद में याद आया कि ज्वैलरी भी उस थैली में थी, लेकिन वो अब मिल नहीं रही है। महंगी ज्वैलरी अनजान जगह पर गुम जाने से परिवार के हाथ पैर फूल गए। तुरंत कार्यालय में संपर्क किया। प्रशासन ने वायरलैस से मैसेज भिजवाया। एक स्वीपर गंदगी में सने उनकी ज्वैलरी लेकर आया। पर्यटक दंपती की सांस में सांस आई। उस स्वीपर को भी ईनाम देना चाहा तो उसने अपनी जिम्मेदारी बता मना कर दिया।

जयपुर से आए एक एसकॉर्ट ग्रुप के गाइड के पास एक बैग था जिसमें 1.70 लाख रुपए रखे थे। सिक्योरिटी से होकर जब अंदर गए तो सभी फोटोग्राफी में मशगूल हो गए। निकलते वक्त ध्यान आया कि बैग तो अंदर ही कहीं भूल गए। वापस न मिलने की उम्मीद से जब ग्रुप कार्यालय में घुसा तो उनका बैग सही सलामत उनका इंतजार कर रहा था। इतनी बड़ी रकम वापस मिली तो अलग-अलग देशों से आए पर्यटकों ने स्टाफ की ईमानदारी को बहुत सराहा।

Posted By: Inextlive