हांगकांग में तीन महीने तक चले भारी विरोध प्रदर्शन के बाद चीन की प्रतिनिधि कैरी लैम ने विवादित प्रत्यर्पण विधेयक को वापस लेने का एलान कर दिया है। उन्होंने कहा की सरकार लोगों की चिंताओं को दूर करने के लिए औपचारिक ढंग से इस विधेयक को वापस लेगी। चीन ने भी सरकार के इस फैसले का समर्थन किया है।


हांगकांग (रॉयटर्स)। हांगकांग में विवादित प्रत्यर्पण विधेयक को औपचारिक ढंग से वापस ले लिया जायेगा। हांगकांग में चीन की प्रतिनिधि कैरी लैम ने इस बात की घोषणा की।  बता दें कि यह वही विधेयक है, जिसके विरोध में तीन महीने पहले हांगकांग में आंदोलन शुरू हुआ था, जो बाद में लोकतंत्र की मांग वाले आंदोलन में तब्दील हो गया। इसकी वजह की हांगकांग की सड़कों पर प्रदर्शकारियों ने खूब हंगामा। यहां तक शहर के एयरपोर्ट पर भी काफी बवाल किया। कैरी लैम ने गुरुवार को मीडिया से बात करते हुए कि उनकी सरकार औपचारिक ढंग से विवादित प्रत्यर्पण विधेयक को वापस लेगी और चीन ने भी इस फैसले का सम्मान और समर्थन किया है। उन्हें उम्मीद है कि इस फैसले के बाद शहर में हिंसा खत्म हो जायेगा।   बार बार किया जा रहा था एक ही सवाल
प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान लैम से बार-बार यही सवाल किया जा रहा था कि भारी हिंसक विरोध के बावजूद चीन को प्रत्यर्पण बिल वापस लेने में इतना समय क्यों लगा लेकिन उन्होंने इसका जवाब नहीं दिया। उन्होंने कहा, 'इस बिल को लेकर मेरा मन बदल गया, पूरी तरह से यह कहना ठीक नहीं होगा। पहले बीजिंग ने इस बिल को वापस लेने पर विचार किया, इसके बाद ही उन्होंने इस निर्णय की घोषणा की।' बता दें कि इस विधेयक में प्रावधान था कि हांगकांग में दर्ज मुकदमे के लिए आरोपित को चीन ले जाकर वहां की कोर्ट में सुनवाई की जा सकती थी। हांगकांग के बड़े वर्ग ने माना कि यह उनकी लोकतांत्रिक मांगों को दबाने के चीन के षडयंत्र का हिस्सा है। इससे पहले प्रत्यर्पण विधेयक को चीन सरकार ने स्थगित करने की घोषणा की थी लेकिन बढ़ते आंदोलन को देखते हुए उन्होंने इस बिल को वापस लेने की घोषणा कर दी। बता दें कि बिल वापस लेने के ऐलान के साथ ही स्थानीय शेयर बाजार में उछाल देखने को मिली है।हांगकांग : पिछले दो महीनों में भारी विरोध प्रदर्शन के चलते 800 से अधिक लोग गिरफ्तारकई लोगों को किया गया गिरफ्तार


लैम ने आंदोलनकारियों की पांच प्रमुख मांगों में शामिल इस प्रत्यर्पण बिल की वापसी की मांग को मान लिया है लेकिन बाकी की चार मांगों के बारे में कुछ नहीं कहा है। इन्हीं मांगों में एक लोकतांत्रिक अधिकार की मांग भी की गई है। बता दें कि हांगकांग में बीजिंग समर्थित सरकार द्वारा प्रत्यर्पण विधेयक को पारित कराने के प्रयास के विरोध में तीन महीने से प्रदर्शन जारी था। विधेयक के विरोधी इसे हांगकांग की स्वायत्तता में एक बड़ी सेंध मान रहे थे। पुलिस ने हिंसक प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिये कई हथकंडे अपनाये लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। हांगकांग में विरोध प्रदर्शन शुरू होने के बाद से अब तक कम से कम 800 से अधिक प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार किया गया है।

Posted By: Mukul Kumar